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धमाका… खामी या साजिश? गोंडा में कैसे पलटीं चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की बोगियां, जांच करेगी रेलवे

उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार दोपहर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पलट गए और 13 बेपटरी हो गए। हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई और 34 घायल हो गए जिनमें पांच को गंभीर हालत में लखनऊ रेफर किया गया है। मरने वालों की पहचान बिहार के अररिया जिला निवासी सरोज कुमार सिंह और चंडीगढ़ निवासी राहुल के रूप में हुई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 18 Jul 2024 11:52 PM (IST)
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झिलाहीबाजार-मोतीगंज के बीच पिकौरा गांव के समीप पलटा चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का एसी कोच व लगी यात्रियों की भीड़। जागरण

जागरण संवाददाता, गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार दोपहर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पलट गए और 13 बेपटरी हो गए। हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई और 34 घायल हो गए, जिनमें पांच को गंभीर हालत में लखनऊ रेफर किया गया है। मरने वालों की पहचान बिहार के अररिया जिला निवासी सरोज कुमार सिंह और चंडीगढ़ निवासी राहुल के रूप में हुई है। 

गोंडा में यह हादसा गुरुवार दोपहर 2:55 बजे मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पिकौरा गांव के पास हुआ। रेलवे ने हादसे की जांच में साजिश के एंगल को भी शामिल किया है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) को जांच के निर्देश दिए गए हैं। 

रेलवे के सूत्रों के अनुसार, लोको पायलट त्रिभुवन ने दावा किया है कि उन्होंने धमाके की आवाज सुनी तो इमरजेंसी ब्रेक लगा दी। इसके बाद डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद चीख-चीत्कार मच गई। 

शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला

ग्रामीणों ने एसी कोच के शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला। कुछ यात्री दहशत में गश खाकर गिर पड़े, जिन्हें एंबुलेंस से मनकापुर व काजीदेवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया गया। मनकापुर में इलाज के दौरान एक यात्री की मौत हो गई। पांच लोगों को लखनऊ रेफर किया गया है, जिनमें एक की रास्ते में मृत्यु हो गई। 

ट्रेन के गार्ड के मुताबिक, सहायक रेल चालक गौरव की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें अस्पताल भेजा गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया और करीब 40 सदस्यीय मेडिकल टीम और 20 एंबुलेंस मौके पर पहुंचाई गईं। 

योगी ने दिए समुचित उपचार के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। रेलवे ने मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को ढाई-ढाई लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की है। 

12 ट्रेनों के रूट में परिवर्तन

दुर्घटना के बाद करीब 12 ट्रेनों के रूट में परिवर्तन किया गया है। स्पेशल ट्रेन से यात्रियों को डिब्रूगढ़ तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। नियमित ट्रेनों को बढ़नी से गोंडा होते हुए तथा मनकापुर-अयोध्या कैंट-बाराबंकी के रास्ते चलाया गया। दुर्घटना के बाद राहत ट्रेन भी मौके पर पहुंची। 

केंद्रीय मंत्री और कई अधिकारी मौके पर पहुंचे केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह व पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर घटनास्थल पर पहुंची। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रेल संरक्षा आयुक्त का मुख्यालय है। 

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आदित्य कुमार ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जांच के आदेश दिए हैं। उनके साथ लखनऊ से संरक्षा के अफसर होने के साथ ही आरपीएफ अधिकारी भी पहुंचे। 

ट्रेन के पुर्जों की भी होगी जांच

रेल संरक्षा आयुक्त रेल दुर्घटना की जांच करेंगे। जांच टीम यात्रियों के बयान लेने के साथ लोकोपायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर के बयान भी दर्ज करेगी। ट्रेन के पुर्जों को भी जांच के लिए लखनऊ लाया जाएगा।

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