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एक्‍शन में गोंडा की DM नेहा शर्मा, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल समेत तीन को क‍िया सस्‍पेंड; जांच के आदेश

डीएम नेहा शर्मा ने एक राजस्व निरीक्षक व दो लेखपाल को निलंबित कर दिया है। गलत वरासत करने के मामले में दो राजस्व निरीक्षक व दो लेखपाल समेत राजस्व कर्मी दोषी पाए गए हैं। वहीं सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। डीएम के जनता दर्शन में दो सितंबर को ग्राम रमवापुर गोविंदा निवासी रामकिशुन ने शिकायत दर्ज कराई थी।

By Varun Yadav Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 09 Oct 2024 03:39 PM (IST)
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डीएम नेहा शर्मा ने की कार्रवाई।- फाइल फोटो
संवाद सूत्र, गोंडा। गलत वरासत करने के मामले में दो राजस्व निरीक्षक व दो लेखपाल समेत राजस्व कर्मी दोषी पाए गए हैं। डीएम नेहा शर्मा ने एक राजस्व निरीक्षक व दो लेखपाल को निलंबित कर दिया है। वहीं, सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

पत्नी के स्थान पर भाई के नाम की वरासत

डीएम के जनता दर्शन में दो सितंबर को ग्राम रमवापुर गोविंदा निवासी रामकिशुन ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि मृतक हरीनाम के पत्नी के जीवित होते हुए भी, वरासत उनके भाई शोभाराम और सहजराम के नाम दर्ज कर दी गई, जबकि मृतक के भाई सहजराम द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में माया मौर्या को हरीनाम की पत्नी बताया गया था। जांच में शिकायत सही पाई गई।

लेखपाल विजय सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच तहसीलदार गोंडा सदर को सौंपी गई है। इसके साथ ही सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक राम प्रकाश पांडेय को भी इस गलती का दोषी पाया गया है।

अदालत में लंबित मामला, फिर भी जारी हुआ वरासत आदेश

एक अन्य मामले में तहसील गोंडा के लेखपाल बाबूराम को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि वसीयतनामा का मामला तहसीलदार न्यायिक गोंडा सदर की अदालत में लंबित होने के बावजूद, लेखपाल बाबूराम ने ग्राम लोनावादरगाह में खातेदार पिंडी राम की मृत्यु के बाद खाता संख्या 304 और गाटा संख्या 700 के साथ-साथ राजस्व ग्राम सिसई जंगल के खाता संख्या 122 और गाटा संख्या 13 पर, मृतक के वारिसानों के नाम पर वरासत दर्ज कर दी। इन पर विपक्षियों राजेन्द्र उर्फ राजेश और दयाराम से मिलीभगत के आरोप लगे हैं।

जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच नायब तहसीलदार सदर को सौंपी गई है। साथ ही, राजस्व निरीक्षक तहसील गोंडा सदर दिनेश प्रताप तिवारी को भी उनके पदीय कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही और कर्मचारी नियमावली के उल्लंघन के चलते निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी प्रस्तावित है।

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