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Lok Sabha Election 2024: सुर्खि‍यों में है बृजभूषण शरण सिंह की कैसरगंज सीट का 'चुनावी दंगल', टिकट को लेकर लगाई जा रहीं अटकलें

Lok Sabha Election 2024 बृजभूषण शरण सिंह की सीट कैसरगंज का ‘चुनावी दंगल’ सुर्खियों में है। कुश्ती और गोंडा-बहराइच की राजनीति में धुरंधरों को पटकनी देने वाले बृजभूषण का पहलवानों से विवाद के बाद हर दांव उल्टा पड़ रहा है। उन्हें कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी तो छोड़नी ही पड़ी अब उनके राजनीतिक भविष्य पर भी बहस छिड़ गई है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 12 Mar 2024 11:39 AM (IST)
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कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह।- फाइल फोटो

गोव‍िंद म‍िश्रा, गोंडा। बृजभूषण शरण सिंह। कैसरगंज के सांसद। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष। अक्सर विवादों में रहने वाले। कुश्ती और गोंडा-बहराइच की राजनीति में धुरंधरों को पटकनी देने वाले बृजभूषण का पहलवानों से विवाद के बाद हर दांव उल्टा पड़ रहा है। उन्हें कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी तो छोड़नी ही पड़ी, अब उनके राजनीतिक भविष्य पर भी बहस छिड़ गई है। यही वजह है कि उनकी सीट कैसरगंज का ‘चुनावी दंगल’ सुर्खियों में है। यहां के राजनीतिक परिदृश्य पर गोविन्द मिश्र की रिपोर्ट...

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। अभी कुछ दिनों पहले जब भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की तो उसमें अवध क्षेत्र की कुछ एक को छोड़ अधिकांश सीटों की तस्वीर स्पष्ट हो गई। बाराबंकी से उपेंद्र सिंह रावत प्रत्याशी बने, हालांकि विवादित वीडियो सामने आने के बाद उन्हें यह कहकर मैदान से हटना पड़ा कि जब तक निर्दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा।

बृजभूषण के गृह जनपद गोंडा से भी कीर्तिवर्धन सिंह को तीसरा मौका मिल गया। ऐसे में सबकी निगाहें कैसरगंज संसदीय सीट पर थीं। पहलवानों से विवाद के बाद बृजभूषण के प्रति भाजपा नरमी दिखाएगी या सख्ती, यह सब जानना चाहते थे। चूंकि भाजपा ने इस सीट से कोई नाम घोषित नहीं किया था, इसलिए फिलहाल कैसरगंज के राजनीतिक समीकरण थोड़ा उलझ गए हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन से भी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। यह सीट सपा के खाते में है। वहीं, बसपा भी मौन धारण किए है। जानकार मानते हैं कि भाजपा की रणनीति पर नजर रखने के लिए ही अन्य पार्टियां भी ‘वेट एंड वाच’ का फार्मूला अपना रही हैं।

टिकट को लेकर लगाई जा रहीं अटकलें

कैसरगंज में अब तक हुए सांसद

वर्ष          सांसद            दल

1957    भगवानदीन मिश्र  कांग्रेस

1962   बसंत कुंवरि         स्वतंत्र पार्टी

1967   शकुंतला नायर    भारतीय जनसंघ

1971   शकुंतला नायर   भारतीय जनसंघ

1977    रुद्रसेन चौधरी    जनता पार्टी

1980     राणावीर सिंह    कांग्रेस

1984     राणावीर सिंह    कांग्रेस

1989      रुद्रसेन चौधरी    भाजपा

वर्ष         सांसद               दल

1991     एलएन मणि त्रिपाठी   भाजपा

1996     बेनी प्रसाद वर्मा         सपा

1998     बेनी प्रसाद वर्मा         सपा

1999        बेनी प्रसाद वर्मा      सपा

2004       बेनी प्रसाद वर्मा     सपा

2009     बृजभूषण शरण सिंह    सपा

2014    बृजभूषण शरण सिंह   भाजपा

2019    बृजभूषण शरण सिंह  भाजपा

बृजभूषण, प्रतीक या कोई और

कैसरगंज संसदीय सीट पर भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा, यह बड़ा सवाल है। भाजपा बृजभूषण को ही मौका देगी, या फिर कोई और दावेदार मैदान में होगा, यह आने वाला समय बताएगा। हालांकि, अंदरखाने चर्चाएं तो बहुत हैं। कुछ लोग इस सीट पर गोंडा सदर से विधायक और बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण सिंह के नाम की भी चर्चा कर रहे हैं। बृजभूषण के परिवार के ही कुछ और नाम भी लिए जा रहे हैं। इसके अलावा और भी दावेदारियां इंटरनेट मीडिया पर जोरशोर से तैर रही हैं। खैर, यह सब तबतक स्पष्ट नहीं हो पाएगा, जबतक भाजपा इस सीट के लिए किसी प्रत्याशी की घोषणा न कर दे।

बेनी और बृजभूषण सबसे ज्यादा जीते

कैसरगंज संसदीय सीट पर बेनी प्रसाद वर्मा ने सबसे ज्यादा चार बार जीत हासिल की। वह इस सीट से सपा के टिकट पर वर्ष 1996, 1998, 1999 और 2004 में सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 2009 में वह गोंडा सीट से चुनाव मैदान में उतरे, फिर यह सीट बृजभूषण शरण सिंह की हो गई। वर्ष 2009 में बृजभूषण इस सीट पर सपा के टिकट से सांसद चुने गए। 2014 और 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। वर्ष 1991 और 1999 में वह गोंडा सीट से भी भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं।

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