पिता ने सिखाया था राजनीति का ककहरा, जीत की हैट्रिक से बनाया नया रिकार्ड
एसपी तिवारी हलधरमऊ (गोंडा) पढ़ाई में अव्वल बावन सिंह कभी डाक्टर बनने का सपना देख रह
By JagranEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2022 09:54 PM (IST)
एसपी तिवारी, हलधरमऊ (गोंडा) : पढ़ाई में अव्वल बावन सिंह कभी डाक्टर बनने का सपना देख रहे थे लेकिन, पिता श्रीराम सिंह ने उनकी सियासत में एंट्री कराई। पिता से राजनीति का ककहरा सीखने के बाद वह सियासत के मास्टर बन गए हैं। जीत की हैट्रिक से न सिर्फ उन्होंने एक नया रिकार्ड बनाया बल्कि, जिले में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के बाद सबसे ज्यादा बार जीतकर विधानसभा में जिले से पहुंचने वाले दूसरे विधायक बन गए।
इनसेट परिवार में बनाई एकजुटता, तोड़ दिया विरोधियों का सपना
- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विधायक बावन सिंह के भाई विजय प्रताप सिंह ने अपना सियासी रास्ता अलग कर लिया था। वह बीडीसी चुने जाने के बाद ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर नजरें गड़ाए हुए थे। भाजपा ने ब्लाक प्रमुख पद के लिए विधायक की बहू नेहा सिंह को उम्मीदवार बना दिया, इससे विजय प्रताप सिंह के मंसूबे टूट गए। अंदर ही अंदर वह उनके मन में भाई के खिलाफ बगावत के अंकुर फूट रहे थे। बावन सिंह की विनम्रता कहें या फिर सूझबूझ, उन्होंने परिवार को एकजुट कर लिया। परिवार की एकता चुनाव में काम कर गई और विरोधियों को हार का मुंह देखना पड़ा। विनम्रता का नहीं कोई तोड़
- बावन सिंह बहुत ही सौम्य व शालीन व्यक्ति हैं। इसका ताजा उदाहरण चुनाव के प्रचार में देखने को मिला। क्षेत्र के दो गांव में उनके सामने कुछ लोगों ने उनके विरोध में नारे तक लगाए लेकिन, वह धैर्य पूर्वक सुनते रहे और वहां से हाथ जोड़कर यह कहते हुए निकल गए कि ठीक है आपकी जो मर्जी हो कहिए पर हमको अपना प्रचार करने दीजिए। चुनाव में धैर्य से काम लेने की रणनीति से बवाल टल गया। कब-कब चुने गए विधायक
1995 : 12वीं विधानसभा उपचुनाव : पहली बार 1996 : 13वीं विधानसभा चुनाव : दूसरी बार 2012 : 16वीं विधानसभा चुनाव : तीसरी बार 2017 : 17वीं विधानसभा चुनाव : चौथी बार 2022 : 18वीं विधानसभा चुनाव : पांचवीं बार
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