म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के..
मेरठ की अलका तोमर कुश्ती में संवार रहीं बेटियों का भविष्य
By JagranEdited By: Updated: Sat, 13 Nov 2021 11:46 PM (IST)
महादेव सागर, गोंडा: कुश्ती हर दिल बसती है। ऐसे में वक्त के साथ न सिर्फ कुश्ती प्रेमियों की तदाद बढ़ी है बल्कि, पुरुष के साथ ही महिलाएं भी कुश्ती में धमाल मचा रही हैं। कोई ओलंपिक से पदक लाया है तो कोई वर्ल्ड चैंपियिनशिप में। बेटियों की बढ़ती भागीदारी कुश्ती के भविष्य का सुखद संदेश है। हरियाणा, रेलवे के बाद अब यूपी की बेटियां भी कुश्ती में नाम रोशन कर रही हैं। इतना ही नहीं ऐसी कई महिला खिलाड़ी हैं जो न केवल कुश्ती में अपने क्षेत्र व देश का नाम रोशन कर रही हैं, बल्कि दूसरी लड़कियों को भी इसमें आने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। कुश्ती की ऐसी ही प्रतिभावान महिला खिलाड़ियों पर एक रिपोर्ट..
इनसेट बेटियों का भविष्य संवार रहीं अलका तोमर -मेरठ की अलका तोमर एक भारतीय पहलवान हैं। वह भारत की राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैंपियन रही चुकी हैं। 2006 में दोहा एशियाई खेलों में भारत को कुश्ती का कांस्य पदक दिलाने वाली अलका ने चीन के ग्वांगझू में 2006 में सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य जीता था। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त अलका अब यूपी महिला टीम के कोच की भूमिका निभा रही हैं। अलका ने बताया कि वक्त के साथ ही बेटियां आगे निकल रही हैं।
सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता इंदू तोमर का कहना है कि ये पदक कड़ी मेहनत व सही मार्गदर्शन का परिणाम है। दीक्षा तोमर का कहना है कि कुश्ती में अपार संभावनाएं हैं। यह हमारी प्राचीन सभ्यता से भी जुड़ी है। मुजफ्फरनगर की दिव्या काकरान ने रेलवे के लिए कांस्य पदक जीता है।
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