ठेके में नियमों की अनदेखी, जांच के बाद आरोप सही मिलने पर चला प्रशासन का डंडा; RFC निलंबित
नियमों की अवहेलना कर चहेताें को ठेका दिलाने के आरोपों से घिरे आरएफसी सरयू प्रसाद को शासन ने निलंबित कर दिया है। 21 मई को ठेकेदार परमाल सिंह यादव ने मंडलायुक्त से शिकायत की। आरोप लगाया कि अपनों को टेंडर दिलाने के लिए नियमों की अवहेलना करते हुए तकनीकी खामियां बताकर तमाम ठेकेदारों को प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, गोंडा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न की डोर टू डाेर डिलीवरी में नियमों की अवहेलना कर चहेताें को ठेका दिलाने के आरोपों से घिरे संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) सरयू प्रसाद को शासन ने निलंबित कर दिया है। मंडलायुक्त ने मामले की जांच कराने के बाद उन्हें दोषी मानते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी थी,जिस पर कार्रवाई हुई है।
जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य व रसद विभाग ने खाद्यान्न ढुलाई के लिए मई में निविदा निकाली। कई फर्मों की ओर से निविदा डाली गई थी। निविदा खुली तो पता चला कि कुछ ठेकेदारों के शपथ पत्र में तकनीकी खामियां दिखाकर उन्हें निविदा से बाहर कर दिया गया था। 21 मई को ठेकेदार परमाल सिंह यादव ने मंडलायुक्त से शिकायत की।
नियमों की अवहेलना का आरोप
आरोप लगाया कि अपनों को टेंडर दिलाने के लिए नियमों की अवहेलना करते हुए तकनीकी खामियां बताकर तमाम ठेकेदारों को प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। मंडलायुक्त ने आरोपों की जांच कराने के बाद उसकी आख्या शासन को भेजी, जिसमें कहा गया कि संभागीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद ने स्वेच्छाचारितापूर्ण कार्य करते हुए कुछ ठेकेदारों के शपथपत्र को अमान्य कर दिया।इनकी सामान्य ख्याति भी खराब है। इस पर शासन ने संभागीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद के सभी आदेशों पर रोक लगाते हुए उनका कार्यभार गोंडा की डीएम को सौंप दिया। डीएम नेहा शर्मा ने दो सदस्यीय कमेटी गठित कर निविदा में हुई धांधली की जांच कराई।उपायुक्त खाद्य एसके सिंह,जिला पूर्ति अधिकारी कृष्ण गोपाल पांडेय की संयुक्त जांच में धांधली की शिकायत सही मिली। इसके बाद निविदा प्रक्रिया निरस्त कर मंडल में पुन: निविदा आमंत्रित की गई। जांच में आरोप सही मिलने पर प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने संभागीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद को निलंबित कर उन्हें मुख्यालय से संबद्ध किया है।
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