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Gonda News: सरकारी अस्पताल में आंधी रात को कमिश्नर का छापा, नहीं मिले डॉक्टर और चौकीदार भी गायब; कार्रवाई के निर्देश

यूपी के गोंडा जिले के देवीपाटन मंडल के आयुक्त ने रुपईडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आधी रात को छापा मारा और चौंकाने वाली लापरवाही का खुलासा हुआ। न तो डॉक्टर मिले और न ही अधीक्षक। प्रसूताओं को बाहर से दवाइयां लिखी जा रही थीं। आयुक्त ने अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान पीएचसी में न तो डॉक्टर मिले और नही अधीक्षक।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 15 Sep 2024 02:02 PM (IST)
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आयुक्त देवीपाटन मंडल ने आधी रात को पीएचसी में मारा छापा

जागरण संवाददाता, गोंडा। सरकारी अस्पताल में रात में न तो चिकित्सक रुकते हैं और न ही चौकीदार। मरीजों को इलाज के नाम पर बाहर से दिवाई लिखी जाती है। ये सच आयुक्त देवीपाटन मंडल की छापेमारी में सामने आया है। आयुक्त ने अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी

देवीपाटन मंंडल के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के साथ ही निरीक्षण में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

आयुक्त देवीपाटन मंडल शशिभूषण लाल सुशील ने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के लिए शनिवार की देररात दो बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह में छापा मारा।

परिसर में चौकीदार की भी तलाश

आयुक्त ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पीएचसी में न तो डॉक्टर मिले और नही अधीक्षक। पूछताछ में पता चला कि अधीक्षक गोंडा मुख्यालय से आते हैं। यही नहीं, परिसर में चाैकीदार की भी तलाश कराई गई, लेकिन न चौकीदार मिला और न ही सफाईकर्मी। अस्पताल का सिर्फ सर्जिकल वार्ड खुला था। निरीक्षण के दौरान रायपुर मनोरमा की पूनम व सूबेदारपुरवा सहजनवा की ऊषा मिलीं। उन्होंने कहा कि आज सामान्य प्रसव हुआ है।

प्रसूता के स्वजन गंगाराम पांडेय ने बताया कि अस्पताल में कोई दवा नहीं मिली है। डॉक्टर ने दवा का पर्चा लिखा था, बाहर के मेडिकल स्टोर से दो-दो हजार रुपये की दवाई लाई गई है। तीमारदारों ने बताया कि अस्पताल में जनरेटर नहीं चलता है, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित होने पर दिक्कत होती है।

अस्पताल में कोई स्टाफ नहीं

तीमारदारों के कहने पर एक कक्ष खुलवाया गया, जिसमें स्टाफ नर्स अनुपमा व दाई सीमा मिलीं। बताया कि वह सो रही थीं। स्टाफ नर्स व दाई ने बताया कि उनके अतिरिक्त अस्पताल में कोई स्टाफ नही है।

आयुक्त ने कहा कि पीएचसी रुपईडीह की स्थिति अत्यंत चिंताजनक पाई गई। अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पीएचसी अधीक्षक रुपईडीह, चिकित्सक व अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

रात में डॉक्टर व स्टाफ की सुनिश्चित कराएं उपस्थिति

आयुक्त ने अपर निदेशक से कहा है कि मंडल के सभी चिकित्सालयों में रात्रिकालीन डॉक्टर व आवश्यक स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए। शासन के मंशानुसार जन सामान्य को आवश्यक चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराएं। भविष्य ऐसे अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण में अपेक्षित सुधार न मिलने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कागजों तक सिमटा तबादला आदेश

सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने स्टाफ नर्स अनुपमा त्रिपाठी का तबादला सात अगस्त को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलधरमऊ के लिए कर दिया था। एक माह से अधिक समय बीतने के बावजूद स्टाफ नर्स को कार्यमुक्त नहीं किया गया।

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