विज्ञान के सैद्धांतिक पक्ष पर कम रुझान चिंताजनक
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सत्य एवं ज्ञान की खोज ही विज्ञान है। आज बेसिक साइंस की जगह युवाओं का जोर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सत्य एवं ज्ञान की खोज ही विज्ञान है। आज बेसिक साइंस की जगह युवाओं का जोर अप्लाएड साइंस की ओर ज्यादा है। विदेशों में प्रयोगशाला कार्य को अधिक महत्व दिया जाता है जबकि हमारे यहां सिद्धान्त पक्ष पर जोर अधिक है। अप्लाएड साइंस में अवसर अधिक है, बेसिक साइंस में अवसर कम हैं। ऐसा होना नहीं चाहिए। आज विद्यार्थियों में बेसिक साइंस की जिज्ञासा कम हो रही है, यह चिन्ता की बात है। हमारी प्रयोगशालाओं में वास्तव में कार्य नहीं हो रहा है। इस दिशा में गहराई से सोचने और कार्य करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में आयोजित संगोष्ठी में यह बात कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने कहीं। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर मधु कुमार ने कहा कि विज्ञान को जीवन से अलग नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सब डिग्री को भार समझ कर स्वीकार न करें बल्कि इसे दक्षता वृद्धि के रूप में ग्रहण करें।
विज्ञान दिवस के अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग में आयोजित भारत का निर्माण: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का योगदान विषयक संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए पोस्टरों ने अतिथियों को खासा प्रभावित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. एसके सेनगुप्ता ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विज्ञान दिवस के महत्व को रेखांकित किया।
उद्घाटन सत्र में विभाग के पुरातन छात्र प्रो. परमहंस तिवारी द्वारा प्रदत्त श्रीमती शाति तिवारी स्मृति छात्रवृत्ति दो बीएससी और दो एमएससी के विद्यार्थियों को प्रदान किया गया। छात्रवृत्ति पाने वालों में दीपिका सिंह, माद्या राशिद तथा रजत तिवारी एवं पारुल गुप्ता शामिल हैं। इस मौके पर संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. ओपी पांडेय आभार ज्ञापन किया जबकि संचालन का दायित्व एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुधा यादव ने किया। संगोष्ठी में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सरिता यादव, सिन्टू जायसवाल, सत्यनाथ एवं अंजलि उपाध्याय की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तो पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता अमन पाण्डेय रहे।