यूपी में एक गलती से ढाई गुना कम हो गई 600 किसानों की जमीन, सही कराने के लिए 14 साल से मिल रही बस 'तारीख पर तारीख'
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक राजस्व कर्मी की गलती के कारण सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम धसकी के 600 किसानों की जमीन लगभग ढाई गुणा कम हो गई है। 14 साल से अधिक समय से किसान अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है। इस गलती के कारण किसानों को सिंचाई विभाग से मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राजस्व कर्मी की एक गलती के कारण सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम धसकी के 600 किसान 14 साल से अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इन किसानों की जमीन लगभग ढाई गुणा कम हो गई है।
उनके गांव में बाढ़ खंड की ओर से बांध बनाया जाना है लेकिन अंश निर्धारण नहीं हो पा रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से बनाई गई समिति की जांच में भी यह गलती सामने आयी है लेकिन किसानों को राहत नहीं मिल पायी है।
ग्रामीणों का कहना है कि 14 साल पहले गांव के तत्कालीन लेखपाल लव कुमार सिंह ने बिना किसी विभागीय आदेश या नक्शा संशोधन के सभी काश्तकारों के जमीन का रकबा कागज में ढाई गुणा कम कर दिया। फसली वर्ष 1408 से 1413 तक जो रकबा खतौनी में दर्ज था। लेकिन इसके बाद के सभी फसली वर्ष में बनी खतौनियों में उससे कम रकबा दर्ज होने लगा। किसानों का कहना है कि इस गलती के कारण उन्हें सिंचाई विभाग से मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
केवल वादी को मिली राहत
ग्रामीण आशुतोष पांडेय उर्फ राजन का कहना है कि काश्तकार इस मामले में पूर्व एसडीएम सदर नेहा बंधु से मिले थे। उनकी ओर से जांच कराने की बात कही गई। एक वाद दाखिल कराने को कहा गया और यह आश्वासन दिया गया कि उसी आदेश में सबको समाहित कर दिया जाएगा।इसे भी पढ़ें-अब कुशीनगर के सभी मंदिरों के पुजारियों को मिलेगा मानदेय, प्रस्ताव पर लगी मोहर
उनके स्थानांतरण के बाद वर्तमान एसडीएम सदर को भी मामले की जानकारी दी गई। समिति बनाकर जांच कराई गई। उसमें राजस्व विभाग की गलती मिली लेकिन आदेश केवल वादी के ही मामले में किया गया। बाकी काश्तकारों को छोड़ दिया गया है।
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