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Budget 2021: दो वर्ष में पूरा हो जाएगा 850 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण

Budget 2021 अब नई रेल लाइनों के साथ बिजली के तार भी बिछने लगेंगे। यानी नई रेल लाइनों पर भी ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजनों से ही चलनी शुरू होंगी। नए रेलमार्ग खलीलाबाद- मेहदावल-बांसी-डुमरियागंज-उतरौला-बलराम-श्रावस्ती-भिंगा-बहराइच लगभग 240 किमी के विद्युतीकरण की भी स्वीकृति मिल गई है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 05:04 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 05:04 PM (IST)
पूर्वोत्‍तर रेलवे में विद्युत लाइन पर दौड़ती ट्रेन का फाइल फोटो।

 गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के लूप (साइड वाली रेल लाइनें) लाइनों पर भी इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें दौड़ेंगी। दो वर्ष में शेष बचे लगभग 850 किमी रेलमार्ग का भी विद्युतीकरण हो जाएगा। बजट में वित्तमंत्री ने एक वर्ष घटाते हुए 2023 तक विद्युतीकरण पूरा करने का लक्ष्य पूरा निर्धारित कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग 3100 रूट किमी रेल लाइन में 2250 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।

हालांकि, मुख्य मार्ग बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-भटनी-वाराणसी, गोरखपुर-कप्तानगंज-नरकिटयागंज और छपरा-बलिया-वाराणसी रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने के बाद रेलवे प्रशासन ने लूप लाइनों पर विद्युतीकरण तेज कर दिया है। गोरखपुर-आनंदनगर-नौतनवा और आनंदनगर-बढऩी-गोंडा कुल 261 किलोमीटर

रेल लाइन पर विद्युतीकरण तेजी के साथ शुरू है। गोरखपुर-आनंदनगर-नौतनवां मार्ग का विद्युतीकरण 31 मार्च तक तथा आनंदनगर-बढऩी-गोंडा रेलमार्ग का विद्युतीकरण 31 दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा।

कोरोना काल में भी 282 किमी मार्ग का विद्युतीकरण पूरा

पूर्वोत्तर रेलवे में कोरोना काल में भी विद्युतीकरण कार्य तेजी के साथ चलता रहा। भटनी-औंडि़हार सहित 282 किमी रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें चलने लगी हैं। मार्च 2020 से पहले 1967 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा हो गया था। जानकारों के अनुसार वर्ष 2016-17 में 159.20 किमी, 2017-18 में 167.14 किमी तथा 2018-19 में 431.23 किमी रेल खण्ड का विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ।

नई रेललाइन के साथ ही बिछने लगेंगे बिजली के तार

अब नई रेल लाइनों के साथ बिजली के तार भी बिछने लगेंगे। यानी, नई रेल लाइनों पर भी ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजनों से ही चलनी शुरू होंगी। नए रेलमार्ग खलीलाबाद- मेहदावल-बांसी-डुमरियागंज-उतरौला-बलराम-श्रावस्ती-भिंगा-बहराइच लगभग 240 किमी के विद्युतीकरण की भी स्वीकृति मिल गई है। करीब 270 करोड़ रुपये बजट भी आवंटित है। सहजनवां-दोहरीघाट 80 किमी और आमान परिवॢतत मार्ग इंदारा-दोहरीघाट 35 किमी के विद्युतीकरण भी स्वीकृति मिल चुकी है। इन दोनों रेलमार्गों के लिए करीब 125 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।

इन लूप लाइनों पर पूरा हो गया है विद्युतीकरण

औंडि़हार-तरावं-नंदगंज, सीतापुर-लखीमपुर, डालीगंज-सीतापुर, गोंडा-सुभागपुर, कछवारोड से माधोसिंह, बरेली सिटी से कासगंज, मनकापुर-कटरा-अयोध्या, जलालपुर-थावे, थावे-राजपट्टी, मेंडू-कासंगंज-दरियावगंज-फर्रुखाबाद, कन्नौज से कल्याणपुर।

विद्युतीकरण के फायदे

रेलवे के खर्चों में आएगी कमी। समय की बचत होगी, ट्रेनें बढ़ेंगी। स्टेशनों पर बिजली की व्यवस्था। तेल से संभावित दुर्घटनाएं खत्म। पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा।


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