एक ऐसा लुटेरा जो लोगों को बुलाकर लूटता था, PAC का बर्खास्त जवान बन गया अपराधी, गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोरखपुर में एक ऐसा लुटेरा पकड़ा है जो लोगों को काम दिलाने के बहाने अपने पास बुलाता था और उनसे लूटपाट कर लेता था। पुलिस ने आरोपी के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी पीएसी का बर्खास्त जवान है जो जेल से छूटने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए लूटपाट करने लगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पीएसी का बर्खास्त जवान काम देने के बहाने मजदूरों व ठेकेदारों को शहर में बुलाने के बाद अगवा कर बंधक बना लेता था। पिटाई कर जेब व बैंक खाता से रुपये निकालने के बाद एक्सीडेंट में घायल होने की जानकारी देकर परिजनों से अपने खाते में रुपये मंगाता था और मजदूरों को शहर से बाहर लाकर छोड़ देता था।
एक माह के भीतर लगातार हुई छह वारदात के बाद हरकत में आई कैंट पुलिस ने सर्विलांस की मदद से गुरुवार की सुबह गाजीपुर के रहने वाले बर्खास्त पीएसी जवान व उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल फोन व सामान बरामद किया। दोपहर बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।
सादे स्टाम्प पर कराता था हस्ताक्षर
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि गाजीपुर जिले के करंडा थाना क्षेत्र के परमेठ गांव का रहने वाला लक्ष्मीकांत सिंह उर्फ राणा पीएसी का बर्खास्त सिपाही है। अपने साथी गुलरिहा के अंगद कुमार और सिकरीगंज के सटोरा गांव में रहने वाले वासुदेव शर्मा के साथ मिलकर वह मजदूरों व निर्माण कार्य का ठेका लेने वालों को काम देने के बहाने बुलाकर बंधक बनाकर लूटपाट करता था।
जान से मारने की धमकी देकर परिजन व रिश्तेदारों से खाते में रुपये मंगाने के बाद सादे स्टाम्प पर हस्ताक्षर कराने के बाद शहर से बाहर हाईवे पर ले जाकर छोड़ देता था।
बलिया व सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले आठ मजदूरों को बंधक बनाकर इन लोगों ने छह लाख रुपये, मोबाइल फोन व सामान लूटकर छोड़ दिया था। शिकायत पर कैंट थाना पुलिस व अपहरण कर पिटाई करने व फिरौती लेने का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही थी।
सर्विलांस व सीसी कैमरा फुटेज की मदद से इनकी पहचान कर गुरुवार की सुबह घटना में प्रयुक्त कार समेत सभी को दबोच लिया। लक्ष्मीकांत के विरुद्ध आठ मुकदमे दर्ज हैं।
अप्रैल माह में वह संतकबीरनगर जेल से छूटा था। सिकरीगंज व गुलरिहा क्षेत्र में रहने वाले उसके साथियों पर भी मुकदमा दर्ज है। लक्ष्मीकांत ने कैंट थाना पुलिस को बताया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अब तक 15 घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
मेरठ से बर्खास्त हुआ था लक्ष्मीकांत
सीओ कैंट अंशिका वर्मा ने बताया कि पीएसी जवान लक्ष्मीकांत गिरोह का सरगना है। वर्ष 2017 में मेरठ से बर्खास्त हुआ था। इसके बाद वह गैंग बनाकर भोले भाले लोगों को बंधक बनाकर लूट करता था। इसने अपना तीन नाम लक्ष्मीकांत, राणा और अजय रखा था। इसके विरुद्ध संतकबीरनगर में दो, एक वाराणसी के सारनाथ थाने में एक और पांच मुकदमा कैंट थाने में दर्ज हैं।
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