Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

गोरखपुर विश्वविद्यालय में ABVP की अराजकता, कुलपति-कुलसचिव पर हमला; छात्रों ने जमकर की मारपीट व तोड़फोड़

ABVP Protests Gorakhpur University गोरखपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटा तो संभालने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। जमीन पर गिरे कुलसचिव पर लात चलाते रहे। नियंत्रण से बाहर हुए छात्रों ने जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस से भी छात्रों ने मारपीट की। उधर हिरासत में लिए गए छात्रों को छुड़ाने के लिए थाने पर भी छात्रों ने प्रदर्शन किया।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 22 Jul 2023 11:06 AM (IST)
Hero Image
गोरखपुर विश्वविद्यालय में हंगामें के बाद मौजूद पुलिस व एबीवीपी कार्यकर्ता। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ABVP Protests Gorakhpur University :अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के आंदोलित कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर विश्वविद्यालय (गोविवि) की प्रतिष्ठा, अनुशासन और गुरु-शिष्य परंपरा को अपने लातों से रौंद डाला। कुलपति से वार्ता करने कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ता, उनके मना करते ही अराजक हो गए। उग्र कार्यकर्ताओं ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह, कुलसचिव प्रो. अजय सिंह पर हमला बोल दिया। सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो कार्यकर्ताओं ने उनकी भी पिटाई की। पुलिस ने छात्रों को खदेड़कर कुलपति को सुरक्षित निकाला। हमले में कुलसचिव गंभीर रूप से घायल हो गए। नियंत्रण खो चुके छात्रों ने कुलपति के वाहन और कार्यालय में गमले, कुर्सियां और लाठी-डंडे चलाकर तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता ने कैंट थाने में तहरीर दी है।

यह है मामला

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अभाविप कार्यकर्ता चार दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। वह अपने आठ साथियों के निलंबन वापसी और परिसर में प्रवेश पर लगी रोक के आदेश को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह 11 बजे कार्यकर्ता विश्वविद्यालय गेट पर धरना देने बैठ गए। प्रशासन के संज्ञान न लेने से नाराज प्रदर्शनकारी दोपहर 12 बजे कुलपति कार्यालय पहुंचे और गेट बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ता कुलपति को बुलाकर वार्ता करने की जिद पर अड़े थे।

कुलपति के गर्दन और चेहरे तक पहुंच गए कार्यकर्ता

तीन बजे कुलपति पुलिस के सुरक्षा घेरे में कार्यालय से बाहर निकले तो कार्यकर्ताओं को लगा कि वह वार्ता करने आ रहे हैं, लेकिन जैसे ही वह लिफ्ट की ओर जाने लगे नाराज कार्यकर्ता आक्रामक होकर हमलावर हो गए। पुलिस व सुरक्षाकर्मियों ने कुलपति का घेरा मजबूत किया लेकिन छात्र लपककर उनकी गर्दन और चेहरे तक पहुंच गए। धक्का-मुक्की के बीच छात्र लगातार हाथ चला रहे थे और सुरक्षाकर्मी कुलपति को बचाने में जुटे थे। किसी तरह पुलिसकर्मी उन्हें भीड़ से निकालकर सुरक्षित ले गए।

कुलपति को सुरक्षित करने के बाद पुलिस सख्त हुई तो कार्यकर्ता भी उग्र होकर उन पर टूट पड़े। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट और झड़प हुई। इसी बीच कुलसचिव प्रो. अजय सिंह अकेले पड़ गए और कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेरकर मारना शुरू कर दिया। कुलसचिव के जमीन पर गिरने के बावजूद कार्यकर्ता नहीं रुके और लगातार हाथ-पैर चलाते रहे। हमले में उन्हें चेहरे, शरीर और सिर में कई जगह चोटें आईं। कुलपति जैसे ही वाहन में बैठकर निकले कार्यकर्ताओं ने दूसरी मंजिल से कुलपति की गाड़ी पर गमले चलाना शुरू कर दिया। उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। चीफ प्राक्टर सत्यपाल सिंह को भी चोट आई है। पुलिस आधा दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में लेकर कैंट थाने गई तो अभाविप कार्यकर्ता वहां प्रदर्शन करने लगे। देर शाम तक गहमा-गहमी जारी थी।

पुतला जलाने की घटना के बाद हुई प्रदर्शन की शुरुआत

इस घटना की पूर्वपीठिका विगत 13 जुलाई से तैयार होनी शुरू हुई थी, जब विविध मांगों को न मानने के विरोध में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति का पुतला जलाया था। पुतला जलाने का विरोध करने पर कार्यकर्ताओं ने प्राक्टोरियल बोर्ड पर हमला बोल दिया था, जिसमें चीफ प्राक्टर डा. सत्यपाल सिंह को चोट भी आई थी। उस घटना को लेकर विश्वविद्यालय ने सात नामजद सहित 15 कार्यकर्ताओं के खिलाफ कैंट थाने में तहरीर दी थी। उसके अगले दिन ऐसे चार कार्यकर्ताओं को विश्वविद्यालय ने निलंबित कर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया, जो छात्र थे। अन्य चार कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर