गोरखपुर में लापरवाह लेखपालों पर गाज गिरनी शुरू, नौ निलंबित; समय से काम नहीं करते थे पूरा
निर्धारित समय सीमा के भीतर इन मामलों को निस्तारित करने का नियम है लेकिन इसे निस्तारित नहीं किया जा रहा है। बांसगांव तहसील में निलंबित किए गए लेखपाल रीशू बलिया खखरी में तो रत्नेश सिसवा उर्फ शउवां में तैनात थे। दोनों ने वरासत के मामले को बिना किसी कारण के लटकाकर रख था। दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। तहसील से संबंधित आम लोगों के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। मंगलवार को जिले की सात तहसीलों में नौ लेखपालों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है।
इनमें बांसगांव व खजनी में दो-दो, कैंपियरगंज, सहजनवा, गोला, सदर एवं चौरी चौरा तहसील में एक-एक लेखपाल को निलंबित किया गया है। इन लेखपालों पर वरासत के निर्विवाद वाद अकारण लटकाने,आय,जाति, निवास प्रमाण पत्रों को लटकाने एवं एसडीएम का आदेश होने के बावजूद धारा 24 के मामलों को लंबित रखने का आरोप है।
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बांसगांव के एसडीएम केसरी नंदन तिवारी ने दो लेखपालों को मंगलवार को निलंबित कर दिया। दोनों लेखपालों ने वरासत के निर्विवाद वादों को अकारण लटकाया था। अगले कुछ दिनों में एक दर्जन से अधिक लेखपाल व कानूनगो पर गाज गिर सकती है।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने आय, जाति, निवास प्रमाण पत्रों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। उसके बाद से सभी तहसीलों में ऐसे मामलों की तलाश की जा रही है, जिसे अनावश्यक रूप से लटकाया जा रहा है।
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कैंपियरगंज में अनिल कुमार भारती, सहजनवा में मिथिलेश पांडेय, गोला में लोकेश कुमार, खजनी में सतीश सिंह व संगम, चौरी चौरा में शरदचंद को निलंबित किया गया है।सदर तहसील में आनंद कुमार निलंबित किए गए हैं जबकि तीन लेखपालों को चेतावनी दी गई है। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि अनावश्यक रूप से मामले को लटकाने वाले कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। एसडीएम के स्तर से कार्रवाई की जा रही है।
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