ED Raid: गोरखपुर में 3 फरवरी को तिवारी हाता पर पड़ा था छापा, अब 23 दिन बाद हुई कार्रवाई
बीते 23 फरवरी को सुबह छह बजे जटाशंकर स्थित तिवारी हाता पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान जहां पूर्व सांसद भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी से घंटों पूछताछ की थी दस्तावेज भी खंगाले थे। लगभग 12 घंटे तक चली इस छापेमारी के दौरान टीम अपने साथ कुछ कागजात ले गई थी। अब 23 दिन बाद एक और कार्रवाई की है।
जासं, गोरखपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 754.24 करोड़ रुपये के बैंक फ्राड के मामले में बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी व सहयोगी अजीत कुमार पांडेय की संपत्तियां अनंतिम रूप से संलग्न करने के साथ ही एक बार फिर तिवारी हाता सुर्खियों में है।
इस मामले में गत 23 फरवरी को सुबह छह बजे जटाशंकर स्थित तिवारी हाता पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान जहां पूर्व सांसद भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी से घंटों पूछताछ की थी, दस्तावेज भी खंगाले थे। लगभग 12 घंटे तक चली इस छापेमारी के दौरान टीम अपने साथ कुछ कागजात ले गई थी। अब 23 दिन बाद एक और कार्रवाई की है।
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ईडी के लखनऊ जोन के अधिकारी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड से संबंधित बैंक धोखाधड़ी के मामले में पीएमएलए की धारा 17 के तहत तलाशी लेने गोरखपुर घर पर पहुंचे थे। यह कंपनी सड़कों के निर्माण, टोल प्लाजा के संचालन और सरकारी अनुबंधों में काम करती है।
समूह के मुख्य प्रवर्तक विनय शंकर तिवारी, रीता, तिवारी व अजीत पांडेय हैं। पूर्व विधायक विनय तिवारी पर प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिग का केस दर्ज कर रखा है। नवंबर, 2023 में ईडी ने गोरखपुर व महाराजगंज में तिवारी परिवार की 72 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की थी।
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बाहर से मैकेनिक बुलवाकर ईडी ने खुलवाया थ तालाजांच के दौरान ईडी की टीम ने 23 फरवरी को दोपहर बाद हाता स्थित एक कमरे में रखी आलमारी खोलने के लिए अपनी गाड़ी से बाहर से मैकेनिक बुलया था। ताला खुलवाने के बाद टीम ने पुन: उसे अपनी गाड़ी से वापस भेजा था।
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