Gorakhpur News: हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे को प्रशासन ने ढहाया, कहा- नहीं ली गई थी अनुमति
गोरखपुर जिले में पूर्व मंत्री स्व.हरिशंकर तिवारी के पैतृक गांव टाड़ा ग्रामसभा में मूर्ति के लिए बने चबूतरे को प्रशासन ने जेसीबी से ढहा दिया। इससे मौके पर हड़कंप मच गया। प्रशासन का कहना कि पूर्व मंत्री स्व.हरिशंकर तिवारी की प्रमिता लगाने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्ताव ग्राम पंचायत की भूमि प्रबंधन समिति ने सर्वसम्मति से पारित किया था।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्व मंत्री स्व.हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनकी प्रतिमा लगाने के लिए पैतृक गांव टांड़ा में बन रहे चबूतरे को प्रशासन ने बुधवार को ढहवा दिया। पुलिस बल के साथ पहुंचे उपजिलाधिकारी गोला राजू कुमार और क्षेत्राधिकारी रत्नेश्वर सिंह को इस दौरान ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत की भूमि प्रबंधन समिति ने सर्वसम्मति से पारित किया था। 21 जुलाई को गांव के राजावशिष्ट त्रिपाठी ने उपजिलाधिकारी व अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर सरकारी भूमि पर बिना शासनादेश के प्रतिमा स्थापित करने और ग्रामसभा के मुख्य द्वार का नाम बदले जाने की शिकायत की थी।
पांच अगस्त को पूर्वमंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की जन्मतिथि है। ग्राम पंचायत ने इस अवसर पर उनकी प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया था। इसका प्रस्ताव तैयार कर पारित किया गया। प्रधान व गांव के अन्य लोग भूमि प्रबंधन समिति का प्रस्ताव लेकर पांच जुलाई को उपजिलाधिकारी के पास पहुंचे।
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प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद 29 जुलाई को जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से मिलकर ग्राम पंचायत व समिति का प्रस्ताव सौंपकर प्रतिमा स्थापना की अनुमति मांगी। आरोप है कि प्रशासन न तो अनुमति दे रहा था न ही मना कर रहा था। बुधवार को एसडीएम, सीओ समेत कई थानों की फोर्स गांव पहुंची और निर्माणाधीन चबूतरे को बैकहो लोडर (जेसीबी) से ढहा दिया।
चबूतरे के बगल में लगा हाईमास्ट भी गिरा दिया गया। इस दौरान अधिकारियों से ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी ने कहा कि गांव के प्रवेश द्वार के बगल में नवीन परती की भूमि पर पूर्वमंत्री की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धांजलि देने के लिए डुगडुगी पिटवाकर सर्वसम्मति से ग्रामसभा का प्रस्ताव पारित किया गया था।
इसे भी पढ़ें-श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की 780 लाख से बढ़ेगी भव्यता, मालवीय पुल लेगा मूर्तरूपध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। अब यह कार्रवाई गलत है। एसडीएम राजू कुमार ने कहा कि ग्राम समाज की भूमि पर बिना किसी अनुमति के प्रतिमा स्थापित करने के लिए चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था। इसे रोकने और अवैध निर्माण को हटाने के लिए ग्राम प्रधान को कहा गया था, लेकिन उन्होंने न तो काम रोका और न ही निर्माण हटवाया। जिस पर कार्रवाई की गई।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि टाड़ा गांव में नवीन परती की जमीन पर चबूतरा बनाए जाने की शिकायत तहसील प्रशासन को मिली थी। इस मामले में प्रधान को चबूतरा न बनाने को कहा गया था। कई बार चबूतरा ध्वस्त करने को कहा गया, लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद नियमानुसार तहसील प्रशासन द्वारा उसे ध्वस्त कर दिया गया है। यदि वहां कोई निर्माण करना है तो नियमानुसार अनुमति लेनी चाहिए।
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