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Gorakhpur News: आयुर्वेद की 22 दवाओं में मिली मिलावट, दस पाई गईं नकली, शासन ने उठाया बड़ा कदम

निदेशक आयुर्वेद सेवाएं ने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि प्रदेशभर में इन दवाओं के उत्पादन परिवहन एवं बिक्री पर रोक लगाई जा रही है। इन दवाओं को तत्काल जब्त कर नष्ट कराया जाए। 2022 से अब तक मिली शिकायतों के आधार पर प्रदेश के अनेक जनपदों से इन दवाओं के नमूने लिए गए थे।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Mon, 18 Mar 2024 07:20 AM (IST)
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32 दवाओं पर रोक लगाने के लिए आदेश आया है।
 जासं, गोरखपुर। आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिलने और 22 दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाए जाने पर शासन ने सभी 32 दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रदेश के सभी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

इसमें कई बीमारियों में उपयोग की जाने वाली लिवर की प्रचलित दवा लिव 52 भी शामिल है। इस दवा में मंडूर भस्म व दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। अनेक दवाओं में प्रेडनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, दर्द निवारक आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक, मधुमेह की दवा ग्लीम्पैराइड व यौन उत्तेजना की दवा सिलिडिनाफिल का अपमिश्रण पाया गया है।

निदेशक आयुर्वेद सेवाएं ने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि प्रदेशभर में इन दवाओं के उत्पादन, परिवहन एवं बिक्री पर रोक लगाई जा रही है। इन दवाओं को तत्काल जब्त कर नष्ट कराया जाए। 2022 से अब तक मिली शिकायतों के आधार पर प्रदेश के अनेक जनपदों से इन दवाओं के नमूने लिए गए थे। जांच आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि परीक्षण प्रयोगशाला लखनऊ में कराई गई।

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क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, गोरखपुर, डा. मीनू सोनी ने कहा कि 32 दवाओं पर रोक लगाने के लिए आदेश आया है। इनमें दस दवाएं नकली पाई गई हैं। जिले में इनका उत्पादन नहीं होता है, लेकिन बिक्री व परिवहन नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए कमेटी का गठन किया जाएगा, जो किसी भी समय किसी दुकान पर अचानक पहुंचकर उनका स्टाक देखेगी। यदि इन दवाओं की बिक्री करते कोई पाया गया तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इन दवाओं में इनका मिला अपमिश्रण

दवा                                मिलावट

विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल

आयुर्वेदा                        बीटामेथासोन

पेननिल चूर्ण                  आइबोप्रोफेन

एज-फिट चूर्ण                बीटामेथासोन

अमृत आयुर्वेदिक चूर्ण     प्रेडनिसोलोन

स्लीमेक्स चूर्ण                 प्रेडनिसोलोन

दर्द मुक्ति चूर्ण               डाइक्लोफिनेक

आर्थोनिल चूर्ण                 आइबोप्रोफेन

योगी केयर                     बीटामेथासोन

माइकान गोल्ड कैप्सूल     प्रेडनिसोलोन

डाइबियंट शुगर केयर टेबलेट ग्लीम्पैराइड

हाई पावर मूसली कैप्सूल   सिलिडिनाफिल

डाइबियोग केयर             ग्लीम्पैराइड

हेल्थ गुड सिरप                  सैक्रीन

इन जिलों से लिए गए नमूने

सीतापुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, गौतम बुद्ध नगर, कानपुर।

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ये दवाएं मिलीं नकली

ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प सिरप, त्रयोदशांग गुग्गुल, वेदांतक वटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्ण, सुपरसोनिक कैप्सूल, बोस्टा 400 टेबलेट, बायना प्लस कैप्सूल।

नीति बनाने के लिए आखिरी मौका

दवाओं की आनलाइन बिक्री पर नीति बनाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को आखिरी मौका दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि सुनवाई की अगली तारीख से पहले मसौदा नीति तैयार नहीं होती है, तो मामले को आगे बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

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