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सवालों के चक्रव्‍यूह में उलझी पुल‍िस, पोस्‍टमार्टम र‍िपोर्ट पर उठे सवाल- भाजपा व‍िधायक भी हुए मुखर

गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा प्रियंका की मौत के मामले में उसके स्वजन ने सवाल उठाया है कि प्रियंका का शव किसके दुपट्टे से लटक रहा था? उसका कपड़ों में मिट्टी कैसे लगी ? उसकी कलाई पर मौजूद घड़ी कहां गई ? उसके चप्पल उसके शव से दूरी पर क्यों थे?

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 02 Aug 2021 02:43 PM (IST)
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गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा प्रियंका, जिसकी मौत को लेकर बवाल हो रहा है। - फाइल फोटो
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा प्रियंका की मौत के मामले में उसके स्वजन ने सवाल उठाया है कि प्रियंका का शव आखिर किसके दुपट्टे से लटक रहा था। उसका कपड़ों में मिट्टी कैसे लगी। उसकी कलाई पर मौजूद घड़ी कहां गई। उसके चप्पल उसके शव से दूरी पर क्यों थे। आत्महत्या के लिए उसने ट्यूबलाइट का फ्रेम क्यों चुना। स्वजन के यह पांच सवाल मृतका के हत्या के संकेत दे रहे हैं।

प्रियंका का दुबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर साढ़े चार घंटे घर के बाहर दिया धरना

प्रियंका के पिता व गुलरिहा के शिवपुर साहबाजगंज पोखरा निवासी विनोद उनका कहना है कि उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। उनकी पुत्री की हत्या की गई है। प्रियंका के पिता विनोद सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को उनकी पुत्री विश्वविद्यालय में परीक्षा देने गई थी। दोपहर में पता चला कि उसकी मौत हो गई है। उन्होंने जब शव को देखा तो पता चला कि शव किसी और के दुपट्टे से फंदे से लटकत रहा था। कपड़ों में धूल लगी हुई थी। सिर पर चोट के निशान थे। उसकी घड़ी गायब थी। चप्पल कुछ दूरी पर पड़ा था। उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या के लक्षण तो नहीं हैं।

नगर विधायक ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठाए सवाल

नगर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने प्रियंका के स्वजन से मिलकर आश्वस्त किया है कि उनके साथ न्याय होगा। नगर विधायक ने बताया कि प्रियंका स्वजन के सवाल वाजिब हैं। फंदे से लटकने के दौरान प्रियंका के पांव जमीन से सटे हुए थे तो उसकी सांस कैसे फूल सकती है। मृतका के सिर पर चोट के निशान हैं। आत्महत्या करने वाले के सिर में चोट के निशान कहां से आएंगे। आत्महत्या करने के लिए मजबूत वस्तु से लटकने का प्रयास करेगा, लेकिन यहां तो शव ट्यूबलाइट होल्डर से लटक रहा था। छात्रा के कपड़े गंदे थे। मृतका के स्वजन चाहें तो वह दुबारा पोस्टमार्टम करा सकते हैं। यह उनका अधिकार है।

शव के दुबारा पोस्टमार्टम कराने की जिद पर अड़े थे स्वजन

प्रियंका के स्वजन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। ऐसे में उन्होंने प्रियंका के अंतिम संस्कार से मना कर दिया। रविवार शाम करीब चार बजे वह घर के बाहर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि प्रियंका का दुबारा पोस्टमार्टम कराया जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व एक करोड़ रुपये दिये जाएं। घटना की सीआईडी व सीबीआई से जांच कराई जाए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव, भाष्कर चौधरी, बादल चतुर्वेदी, सामाजिक कार्यकर्ता शांति भवानी सहित विभिन्न छात्र संगठनों के लोग उनके समर्थन में उतर गए। गुलरिहा सहित करीब आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, प्रभारी एसएसपी/एसपी सिटी सोनम कुमार, एसपी नार्थ मनोज अवस्थी आदि शाम से ही प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुटे रहे, लेकिन मृतका के स्वजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। रात करीब साढ़े आठ बजे वह जिला प्रशासन के आश्वासन पर अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। जिला प्रशासन ने कहा कि उनकी मांगों पर जिला प्रशासन गंभीरता से विचार करेगा। वह मृतका का अंतिम संस्कार करें।

भाई बहन में सबसे छोटी थी प्रियंका

प्रियंका अपने चार भाई-बहन में सबसे छोटी थी। उसकी मां लीलावती का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता विनोद का कहना है कि प्रियंका बचपन से पढ़ने में तेज थी। बीएसी प्रथम व द्वितीय वर्ष भी उसने अच्छे नंबरों के साथ उत्तीर्ण किया था। मृतका के भाई मनीष का कहना है कि इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन की मिली भगत है। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद कोई विश्वविद्यालय प्रशासन से मौके पर नहीं आया।

छात्र संगठनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

प्रियंका की मौत को छात्र संगठन के लोग भी हत्या बता रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर प्रदर्शन भी किया है। दिग्विजय नाथ पीजी कालेज के छात्र उज्ज्वल सिंह, शुभाशीष यादव, सतीश प्रजापति, अभिषेक यादव, हर्ष मौर्या, विकास यादव, उत्कर्ष पाण्डेय, सर्वेश्वर तिवारी, अखिलेश चौरसिया ने विश्वविद्यालय गेट के सामने प्रदर्शन करके कहा कि पुलिस प्रियंका के मामले की उच्चस्तरीय जांच करें और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करे। छात्रों ने जुलूस निकालकर घटना का विरोध किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। विश्वविद्यालय के छात्रनेता मनीष ओझा ने मामले की जांच सीआइडी व सीबीसीआइडी से कराने की मांग की है।

नगर विधायक ने स्वजनों को दिया न्याय का भरोसा

नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल रविवार दोपहर प्रियंका के स्वजन से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया कि उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा कि मृतका के स्वजन ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी की गई है। उसके सिर के पीछे चोट है तथा उसके पैर जमीन पर टिके हुए थे। उन्होंने कहा कि एसपी सिटी से बात करके प्रभारी निरीक्षक गुलरिहा के मोबाइल पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंगाई गई और स्वजन को रिपोर्ट पढ़कर सुनाई गई। मृतका के स्वजन के सवालों में लाजिक था। उन्होंने दुबारा पोस्टमार्टम के लिए कहा था। यह उनका अधिकार है। जरूरत पड़ने पर वह दुबारा पोस्टमार्टम करा सकते हैं।

परिवार संतुष्ट है। उच्चस्तरीय जांच की मांग मान ली गई है। जल्द ही इसके लिए मजिस्ट्रेट नामित हो जाएंगे। मुकदमा दर्ज हो चुका है। सुबह वह मृतका का अंतिम संस्कार करेंगे। - राजेश कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व।

स्वजन से बात हो गई है। सुबह वह शव का अंतिम संस्कार करेंगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट एस्पीशिया ड्यू टू एंटी मार्टम हैंगिंग आई है, लेकिन इसके आधार पर हत्या या आत्महत्या का निर्णय नहीं लिया जा सकता है। विवेचना के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। - सोनम कुमार, प्रभारी एसएसपी/एसपी सिटी।

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