Gorakhpur-Lucknow के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के इन आधा दर्जन रुट्स पर दौड़ेंगी Vande Bharat Train
गोरखपुर से लखनऊ के बीच चल रही वंदे भारत को प्रयागराज तक चलाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। गोरखपुर से दिल्ली वंदे भारत को लेकर पहले ही प्रस्ताव तैयार हो गया था लेकिन परिचालनिक दिक्कतों के चलते प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पाई। जानकारों के अनुसार भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है।
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। गोरखपुर-लखनऊ के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के आधा दर्जन रूटों पर भी सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन चलेगी। रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-प्रयागराज, लखनऊ-गोरखपुर-पाटलिपुत्र, लखनऊ-दिल्ली, टनकपुर-देहरादून, काठगोदाम-आनंद विहार और गोरखपुर-कानपुर रूट का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है।
गोरखपुर से लखनऊ के बीच चल रही वंदे भारत को प्रयागराज तक चलाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। गोरखपुर से दिल्ली वंदे भारत को लेकर पहले ही प्रस्ताव तैयार हो गया था, लेकिन परिचालनिक दिक्कतों के चलते प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पा रही। जानकारों का कहना है कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है।
आने वाले दिनों में देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें ही दौड़ती नजर आएंगी। रेलवे बोर्ड ने तैयारी के अंतर्गत दो वित्तीय वर्ष में वंदे भारत के और 3200 कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इन कोचों से वर्ष 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी। यह सभी कोच इंटीग्रल कोच फैक्टी चेन्नई, रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला और माडर्न कोच फैक्ट्री राय बरेली में बनाए जाएंगे।
रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (मैकेनिकल इंजीनियर) कुमार संभव ने 28 जुलाई 2023 को लिखे गए पत्र के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 में चेन्नई को 1600, कपूरथला को 800 और राय बरेली कोच फैक्ट्री को वंदे भारत का 800 कोच बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही कहा है कि कोच तैयार करने को लेकर सभी तैयारियां पहले ही सुनिश्चित कर लें।
वर्तमान में भारतीय रेलवे स्तर पर वंदे भारत की 50 सेवाएं संचालित हैं। पूरी तरह अपने देश में निर्मित वंदे भारत ट्रेन भारत की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जो त्वरित गति एवं आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्जित है। 15 फरवरी, 2019 को वाराणसी से नई दिल्ली के बीच देश की पहली वंदे भारत चली थी।
सात जुलाई को गोरखपुर जंक्शन पर प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। नौ जुलाई से गोरखपुर से लखनऊ के बीच यह ट्रेन शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन चल रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों शिलान्यास किए जाने वाले पूर्वोत्तर रेलवे के 12 अमृत भारत स्टेशनों पर मुहर लग गई है। इनमें देवरिया, बस्ती, ऐशबाग, बादशाहनगर, सीतापुर, आजमगढ़, बलिया, वाराणसी सिटी, बनारस, लालकुआं, कासगंज और फर्रुखाबाद शामिल हैं। प्रधानमंत्री छह अगस्त को पूर्वोत्तर रेलवे के चयनित अमृत भारत सहित देशभर के करीब 500 स्टेशनों का वीडियो कांफ्रेंसिंग (वर्चुअल) के माध्यम से शिलान्यास कर सकते हैं।
शिलान्यास समारोह को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने तैयारी तेज कर दी है। शिलान्यास वाले चिह्नित सभी स्टेशनों पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जाएगी। कार्यक्रम में स्थानीय सांसद के अलावा जनप्रतिनिधि, रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी तथा आमजन की सहभागिता रहेगी। पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 55 सहित देश में 1275 स्टेशन अमृत भारत के लिए चिह्नित हैं, लेकिन शिलान्यास चयनित स्टेशनों का ही होगा।
रेलवे पूछ रहा कैसा हो आपका अमृत भारत स्टेशन
रेलवे अपनी अधिकृत वेबसाइट के माध्यम से आमजन और यात्रियों से पूछ रहा है कि आपके पास वाला चिह्नित अमृत भारत स्टेशन कैसा होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति रेलवे की वेबसाइट पर निर्धारित प्रोफार्मा पर स्टेशन के बारे में सुझाव दे सकता है।