फिर निरस्त हुए 1057 आवेदन टूटा निर्धन नौनिहालों का सपना, इस मामूली वजह से अभिभावक हो रहे परेशान
गोरखपुर जिले में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए पहले चरण में कुल 5343 कुल फार्म बेसिक शिक्षा विभाग को मिले। सत्यापन के दौरान 1604 आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। इसी तरह दूसरे चरण में कुल 2323 आनलाइन आवेदन हुए थे। जिनमें से 1057 आवेदन पत्र वांछित प्रमाण पत्रों के अभाव एवं त्रुटिपूर्ण आवेदन के कारण अस्वीकार कर दिए गए।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बड़े व कान्वेंट स्कूलों में पढ़ने का बच्चों का सपना टूटता नजर आ रहा है। यह अभिभावकों की लापरवाही है या फिर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार का अभाव, दूसरे चरण में भी जिले में विभिन्न कारणों से आरटीई के अंतर्गत किए गए 1057 आवेदन निरस्त कर दिए गए।
पहले चरण से सबक लेते हुए इस बार अभिभावकों को आवेदन फार्म में त्रुटियां दूर करने के लिए एक अवसर दिए जाने के भी निर्देश दिए गए थे, बावजूद इसके बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त हो जाने से अभिभावक मायूस हैं। विभाग इसकी वजह गलत वार्ड चयन, गलत नाम-पता, गलत आय प्रमाण पत्र देना तथा आवेदन के दौरान आवश्यक दस्तावेज अपलोड न करना जैसे कारण गिनाए जा रहा है।
यह हाल तब है जब पहले चरण में विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किए जाने की शिकायत मिलने पर महानिदेशक ने बीएसए को पत्र लिखकर सत्यापन के दौरान अभिभावकों को एक और अवसर देने के निर्देश दिए थे। गोरखपुर जिले की बात करें तो पहले चरण में यहां 1604 आवेदन निरस्त हुए थे।
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कमोवेश यही स्थित अन्य जनपदों की भी थी। अधिकांश मामलों में खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) व बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट लिखी कि इनके कागजात पठनीय नहीं थे। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए को पत्र लिखकर नाराजगी जताई थी। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा था कि आवेदन फार्म निरस्त करने से पूर्व अभिभावक को उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर अभिलेखों की साफ-सुथरी प्रति लेनी होगी।
इसे भी पढ़ें- बुरे दिनों में जो आया काम, समय बदलते ही महिला ने उसी को दिखाया ठेंगा, अब पुलिस ने दर्ज किया केस; हैरान कर देगा यह मामलाबेवजह अगर आवेदन फार्म निरस्त किए गए तो संबंधित बीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिले में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए पहले चरण में कुल 5343 कुल फार्म बेसिक शिक्षा विभाग को मिले। सत्यापन के दौरान 1604 आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। इसी तरह दूसरे चरण में कुल 2323 आनलाइन आवेदन हुए थे। जिनमें से 1057 आवेदन पत्र वांछित प्रमाण पत्रों के अभाव एवं त्रुटिपूर्ण आवेदन के कारण अस्वीकार कर दिए गए।
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वांछित प्रमाण पत्रों के अभाव एवं त्रुटिपूर्ण आवेदन के कारण आवेदन पत्र निरस्त हुए हैं। अभी दो चरणों के आवेदन की प्रक्रिया होनी है। ऐसे में जिन्हें मौका नहीं मिला है, उन्हें मायूस होने की जरूरत नहीं है। वह अगले दो चरणों में आवेदन कर लाभान्वित हो सकते हैं।
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