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गोरखपुर AIIMS में बवाल, सीएसएसडी से हटाए गए डा. गौरव गुप्ता; आज एम्स आएंगे सांसद

एम्स गोरखपुर में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता को सीएसएसडी प्रभारी के पद से हटा दिया गया है। उन पर सीईओ के बेटे के फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाकर एम्स में दाखिला दिलाने का आरोप है। इस मामले की जांच चल रही है। बुधवार को सांसद रविकिशन शुक्ल एम्स पहुंचेंगे और कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। बता दें कि सभी उपकरण आपरेशन के बाद सीएसएसडी भेजे जाते हैं।

By Durgesh Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 18 Sep 2024 10:48 AM (IST)
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एम्स गोरखपुर में डा. गौरव गुप्ता को फायर सेफ्टी कमेटी का जिम्मा दिया गया है। जागरण

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स गोरखपुर में सर्जरी विभागाध्यक्ष व एडिशनल प्रोफेसर डा. गौरव गुप्ता को सेंट्रल स्टेराइल सप्लाई डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) के प्रभारी पद से हटा दिया गया है। उन्हें फायर सेफ्टी कमेटी का जिम्मा दिया गया है।

डा. गौरव गुप्ता ने कार्यकारी निदेशक (ईडी) व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रो. गोपाल कृष्ण पाल पर बेटे डा. ओरोप्रकाश पाल का फर्जी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नान क्रीमीलेयर (एनसीएल) प्रमाण पत्र बनवाकर प्रवेश दिलाने का आरोप लगाया है।

इसकी जांच अभी चल रही है। बुधवार को सदर सांसद रविकिशन शुक्ल एम्स पहुंचेंगे और कई कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ ही वरिष्ठों के साथ बैठक भी करेंगे।

एम्स गोरखपुर में कई दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस पर मंत्रालय की नजर है। प्रमाण पत्र की जांच भी चल रही है। मंगलवार रात तकरीबन आठ बजे ईडी प्रो. गोपाल कृष्ण पाल एम्स पहुंचे।

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उन्होंने तत्काल अपने कार्यालय में उपनिदेशक प्रशासन अरुण सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए चार कमेटियों के गठन का निर्णय लिया गया। साथ ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

चिकित्सा अधीक्षक ने बनाई कमेटी

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अजय भारती ने परिसर में बेहतर व्यवस्था के लिए चार कमेटियों का गठन किया। इनमें डाइट व किचेन कमेटी, सीएसएसडी कमेटी, लांड्री व लिनेन कमेटी और फायर सेफ्टी कमेटी शामिल है। डाइट व किचेन कमेटी खानपान पर नजर रखेगी।

पिछले दिनों दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद एम्स परिसर में संचालित कैफेटेरिया व चार किचेन बंद करा दिए गए थे। सभी जगह एक्सपायर और दूषित सामग्री बिकती मिली थी। सीएसएसडी के प्रभारी अब तक डा. गौरव गुप्ता थे। अब कमेटी का गठन कर सर्जरी के ही दूसरे डाक्टर को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई है।

बुधवार दोपहर माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. अतुल, हड्डी के डा. राजनंदन, सर्जरी के डा. रवि गुप्ता आदि ने आपरेशन थियेटर की व्यवस्था को देखा था। साथ ही कमियों को दर्ज किया था। कई उपकरण खराब होने की भी जानकारी मिली है। यह सभी उपकरण आपरेशन के बाद सीएसएसडी भेजे जाते हैं।

दोपहर बाद तीन बजे पहुंचेंगे सांसद

सांसद रविकिशन बुधवार को दोपहर बाद तीन बजे एम्स परिसर पहुंचेंगे। वह मां के नाम एक पेड़ अभियान में शामिल होंगे और स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत सफाई करेंगे। इसके बाद संस्थान के वरिष्ठाें के साथ बैठक करेंगे। सांसद हाल के दिनों में एम्स में सामने आई अव्यवस्था पर चर्चा करने के साथ ही उपचार व पठन-पाठन के माहौल पर बात करेंगे। आपरेशन थियेटर की संख्या बढ़ाने पर भी बात होगी। एम्स में अभी चार आपरेशन थियेटर ही संचालित हो रहे हैं, इस कारण रोगियों को आपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

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सीएसएसडी के यह हैं कार्य

सीएसएसडी में आपरेशन से जुड़े उपकरणों की सफाई, पैकिंग, कीटाणुशोधन, स्टरलाइजिंग की जाती है। बुधवार को सीएसएसडी शब्द का पहली बार इस्तेमाल अमेरिकन कालेज आफ सर्जन्स ने वर्ष 1928 में किया था। यूनाइटेड किंगडम में सीएसएसडी को वर्ष 1955 में कैम्ब्रिज मिलिट्री हास्पिटल ने विकसित किया था। भारत में पहला सीएसएसडी वर्ष 1965 में नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थापित किया गया था।

पुलिसकर्मी ने की डा. गौरव गुप्ता से बात

गोरखपुर: जनसुनवाई पोर्टल पर पांच सितंबर को की गई शिकायत का बिना बात निस्तारण करने की शिकायत पर एम्स पुलिस फास्ट हो गई है। एम्स थाने के एक पुलिसकर्मी ने मंगलवार को डा. गौरव गुप्ता से बात की और शिकायत से जुड़ी जानकारी दर्ज की।

एम्स पुलिस ने 15 सितंबर को डा. गौरव गुप्ता की शिकायत का जांच चलने का हवाला देते हुए निस्तारण कर दिया था। डा. गौरव गुप्ता का कहना था कि उनसे किसी पुलिसकर्मी ने बात नहीं की और निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर निस्तारण का खराब फीडबैक दर्ज किया। इसके बाद फिर से जांच शुरू हो गई है।

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