एम्स गोरखपुर (AIIMS Gorakhpur) में सामान की कमी के कारण मरीजों के ऑपरेशन टल रहे हैं। रोजाना 10 से 15 मरीजों को बिना ऑपरेशन के लौटाया जा रहा है। मरीजों को टांके तक बाहर से खरीदने पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में ऑपरेशन की बदहाल व्यवस्था का खुलासा हुआ है। पत्र के मुताबिक तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर निरस्त कर दिया गया था।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Gorakhpur AIIMs: एम्स गोरखपुर में सामान की कमी के कारण ऑपरेशन टल रहे हैं। रोजाना 10 से 15 रोगियों को बिना ऑपरेशन वापस किया जा रहा है। रोगियों को टांके (सूचर) तक खरीदने पड़ रहे हैं। पिछले दिनों हुआ टेंडर भी रद करने की खबर है।
रोगियों को हो रही दिक्कत के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय को 11 बिंदुओं पर भेजा गया पत्र भी वायरल हो रहा है। इस पत्र में ऑपरेशन की बदहाल व्यवस्था के बारे में बताया गया है। हालांकि एम्स गाेरखपुर की सह मीडिया प्रभारी डॉ. विजयलक्ष्मी का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। आरोप सही नहीं हैं। अमृत फार्मेसी से दवाओं व अन्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
ढाई महीने से टेंडर की प्रक्रिया जारी
पत्र में कहा गया है कि निडिल, इंट्राकैट, ग्लब्स समेत ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान के लिए जारी तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद ढाई महीने से टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
खास के लिए टेंडर निरस्त कर दोबारा प्रक्रिया शुरू करने का आरोप
आरोप लगा है कि एक खास व्यक्ति के लिए टेंडर निरस्त कर दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई। इसकी सजा रोगियों को भुगतनी पड़ रही है। मजबूरन रोगियों को बाहर से महंगे दर पर सामान खरीदना पड़ रहा है। पूर्व में खरीदे गए कुछ सर्जिकल सामान की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए हैं।
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