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गोरखपुर में 19 साल पहले इस छात्र नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हुई थी हत्‍या, अब इस वजह से कोर्ट से बरी हो गए सभी आरोपी

16 मार्च 2005 को पूर्व अध्यक्ष संजीव सिंह श्रीनेत गोलघर से सटे विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास से अपनी स्कार्पियो गाड़ी से निकल रहे थे।गाड़ी उनके चचेरे भाई रितेश सिंह चला रहे थे। महिला छात्रावास के सामने ही कार सवार बदमाशों ने गाड़ी रोककर संजीव सिंह व रितेश को गोली मार दी थी। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने संजीव को मृत घोषित कर दिया था।

By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 05 Apr 2024 10:28 AM (IST)
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पक्षद्रोही हो गए कई गवाह, अभियोजन सिद्ध नहीं कर पाया आरोप

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संजीव सिंह श्रीनेत हत्याकांड के सभी आरोपित बरी हो गए हैं। मुकदमे का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन शशि भूषण कुमार शाण्डिल की कोर्ट में चल रहा था। गवाहों के पक्षद्रोही होने और कई के बयान विरोधाभासी होने की वजह से आरोपितों पर हत्या, हत्या की कोशिश का आरोप तय नहीं हुआ।

16 मार्च, 2005 को पूर्व अध्यक्ष संजीव सिंह श्रीनेत गोलघर से सटे विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास से अपनी स्कार्पियो गाड़ी से निकल रहे थे। गाड़ी उनके चचेरे भाई रितेश सिंह चला रहे थे। महिला छात्रावास के सामने ही कार सवार बदमाशों ने गाड़ी रोककर संजीव सिंह व रितेश को गोली मार दी थी।

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अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने संजीव को मृत घोषित कर दिया था। बड़े भाई अशोक सिंह ने कैंट थाने में छह लोगों पर हत्या, हत्या की कोशिश, बलवा व साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था। न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित होने के बाद मुकदमे का विचारण हुआ।

मुकदमा वादी अशोक सिंह के अलावा लालेंद्र प्रताप सिंह, भोलेंद्र, मनोज, रितेश, संतकुमार, अखिलेश सिंह, मुख्य आरक्षी अजय शंकर सिंह, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कैंट रहे श्याम नारायण सिंह व जितेंद्र बहादुर का न्यायालय में बयान हुआ। इस मामले में 30 मार्च, 2024 को अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। इसमें साक्ष्य के अभाव में विक्टर उर्फ प्रवीण राय, दिग्विजय, अमित राय उर्फ संजू, रंजन तिवारी उर्फ ज्योर्तिमय को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

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मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं दो आरोपित

संजीव सिंह श्रीनेत हत्याकांड के मुख्य आरोपित बनाए गए विमलेश उर्फ पिंटू राय व शेष प्रताप उर्फ भुअर राय पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। मुकदमा विचारण के दौरान पुलिस ने कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी थी।

दिनदहाड़े हुई हत्या से मच गई थी सनसनी

शहर की हृदयस्थली कहे जाने वाले गोलघर के पास स्थित महिला छात्रावास के पास दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद सनसनी फैल गई थी। घटना के बाद विश्वविद्यालय के छात्र व पूर्व पदाधिकारी सड़क पर उतरकर हंगामा करने लगे थे। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।