शिक्षा के साथ ही अन्य जरूरतों के बारे में बताएंगे स्कूल, आमजन करेंगे सहयोग
परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अब आम जन भी सहयोग कर सकेंगे। ‘विद्यांजलि योजना’ के तहत स्कूलों में बच्चों के लिए सुविधा देने के लिए समाज के लोग भी आगे आ सकेंगे।
By Navneet Prakash TripathiEdited By: Updated: Wed, 27 Oct 2021 01:34 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अब आम जन भी सहयोग कर सकेंगे। ‘विद्यांजलि योजना’ के तहत स्कूलों में बच्चों के लिए सुविधा देने के लिए समाज के लोग भी आगे आ सकेंगे। शासन ने इस योजना के जरिए शैक्षिक गुणवत्ता पर जोर देते हएु बच्चों को मदद करने का अवसर प्रदान किया है।
बुनियादी ढांचे को सुदृढ करने में की जाएगी मदद
योजना में बच्चों को पढ़ाने-लिखाने से लेकर उनके खाने-पीने से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने व स्कूल के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में मदद की जा सकेगी। योजना के तहत पूर्व छात्र, सेवानिवृत्त शिक्षक, वैज्ञानिक, बैंक कर्मी, सेना और अर्धसैनिक बलों से जुड़े लोग, सेल्फ इंप्लायड, प्रोफेशनल्स, स्किल से जुड़ा कोई भी व्यक्ति या सामान्य व्यक्ति, कंपनी, संस्था आदि इसमें अपने तरीके से सहयोग दे सकेंगे।
शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देशइसके तहत बच्चों को पढ़ाने-लिखाने से लेकर उनके खाने-पीने से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने व स्कूल के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में मदद की जा सकेगी। शिक्षा निदेशक बेसिक द्वारा सभी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
ये कर सकेंगे सहयोगबच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए लोगों को स्कूलों से काफी अपेक्षा रहती है। तमाम ऐसे लोग हैं जिनका स्कूल से जुड़ाव रहता है। ऐसे में वह चाहे तो इस योजना के तहत अपने स्तर से स्कूल का सहयोग कर सकते हैं। इनमें गांव व शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति, व्यापारी, बैंकर्स, पत्रकार, अधिवक्ता समेत राजनीतिक व्यक्ति भी स्कूलों की जरूरतों को पूरा कर खुद से शैक्षिक विकास से जोड़ सकेंगे।
स्कूल के विकास और बच्चों के शैक्षिक स्तर में होगा सुधार
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि विद्यांजलि योजना के तहत पूर्व छात्र, सेवानिवृत्ति शिक्षक, वैज्ञानिक, बैंक कर्मी, सेना और अर्धसैनिक बलों से जुड़े लोग अथवा सामान्य व्यक्ति, कंपनी, संस्था आदि इसमें अपने तरीके से सहयोग दे सकेंगे। यह योजना स्कूलों के विकास व बच्चों के शैक्षिक स्तर के सुधार में मील का पत्थर साबित होगी।
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