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बिहार तक फैला है BRD के एंबुलेंस माफिया का नेटवर्क, अस्पताल पहुंचने से पहले मरीजों का हो जाता है सौदा

Gorakhpur News बीआरडी मेडिकल कालेज के एंबुलेंस माफिया का बिहार के अस्पतालों से चलने वाली एंबुलेंस के ड्राइवरों से साठगांठ है। यही वजह है कि वहां से आने वाले रोगियों का सौदा अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो जाता है। सौदेबाजी के बाद बीआरडी के एंबुलेंस माफिया मोटी रकम देने वाले संचालकों के अस्पतालों में रोगियों को पहुंचा देते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 17 Jul 2023 04:52 PM (IST)
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बिहार तक फैला है BRD के एंबुलेंस माफिया का नेटवर्क। (फाइल)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कालेज के एंबुलेंस माफिया की पकड़ सिर्फ शहर तक ही सीमित नहीं है। इनकी पकड़ बिहार के अस्पतालों से चलने वाली एंबुलेंस तक भी है। यहां से रोगियों को लेकर जब स्थानीय एंबुलेंस वाले लेकर चलते हैं तो वह इसकी सूचना बीआरडी के एंबुलेंस माफिया को दे देते हैं। इधर, माफिया स्थानीय अस्पताल संचालकों से रोगी का सौदा करने लगता है। जब कोई अस्पताल संचालक मोटी रकम देने को तैयार हो जाता है तो माफिया एंबुलेंस चालक को सूचित कर देता है, जो रोगी को उस अस्पताल में पहुंचा देता है। यह पूरी सेटिंग गोपालगंज-कुशीनगर सीमा तक हो जाती है।

बीआरडी मेडिकल कालेज के एंबुलेंस माफिया की जड़ें लंबी है। यह सिर्फ बीआरडी मेडिकल कालेज आने वाले रोगियों की ही सौदा नहीं करते हैं, यह दूसरे राज्य से आने वाले रोगियों का भी सौदा बाहर-बाहर कर मोटी रकम ले लेते हैं। इस रकम का बटवारा सिर्फ दो के बीच में ही होता है। एंबुलेंस माफिया की बड़ी कमाई बिहार के रोगियों की इसी सौदेबाजी से है। बिहार के अस्पतालों से जब किसी गंभीर रोगी को रेफर किया जाता है तो वहां के एंबुलेंस मालिक व चालक उस रोगी को लेकर लखनऊ पीजीआइ और बीआरडी मेडिकल कालेज के लिए लेकर निकलते हैं।

इसके बाद वह यहां के एंबुलेंस माफिया को सूचना दे देते हैं। उधर, रास्ते भर चालक और सहकर्मी रोगी के तीमारदार को गोरखपुर में दिखाने के लिए प्रेरित करता है। इधर, एंबुलेंस माफिया चिह्नित अस्पताल संचालकों से रोगी के बीमारी के बारे में बताते हुए सौदा तय करते हैं। जब कोई अस्पताल संचालक सबसे अधिक कमीशन देने को तैयार हो जाता है, तो माफिया के लोग रोगी को लाने वाले एंबुलेंस चालक को सूचित कर रोगी का पर्चा बनवा देते हैं। उधर, चालक रोगी को अस्पताल व डाक्टर के बारे में बताते हुए सीधे उस अस्पताल में लाकर रोगी को भर्ती करा देते हैं। इसके बाद वह माफिया के लोग पहुंचकर अपना कमीशन लेकर वापस चले जाते हैं।

एंबुलेंस माफिया अभी फरार

मेडिकल चौकी प्रभारी द्वारा नौ जुलाई की रात बीआरडी मेडिकल कालेज के उत्तरी गेट पर खड़े एक एंबुलेंस का चालान काटे जाने के बाद एंबुलेंस माफिया ने आठ से 10 की संख्या में घेराबंदी कर चौकी प्रभारी के साथ मारपीट की थी। चौकी प्रभारी के तहरीर पर गुलहरिया थाना पुलिस ने पांच नामजद और तीन अज्ञात के विरुद्ध बलवा, मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। 10 जुलाई को चिलुआताल थाना पुलिस ने आरोपित डिहवा फतेपुर के रिजवान, रियासुद्दीन, अकसीम और मिर्जापुर के औरंगजेब को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, इनके साथी फतेपुर के आसिफ अली उर्फ गोलू व तीन अन्य फरार हो गए। वहीं, छह मई को जबरन एक रोगी को

एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने पर चौकी के सिपाही प्रमोद यादव के हस्तक्षेप करने पर सहजनवां के कैथा के रोहन मिश्रा, गोला के प्रिंस चंद, बीआरडी मेडिकल कालेज के वार्ड ब्वाय व सिकरीगंज के बारीपुर के निलेश मिश्रा, वार्ड ब्वाय व पिपराइच के रक्षवापार के साहिल सिंह, मनोज निगम व उसके चालक राहुल समेत 10 अज्ञात एंबुलेंस मालिक व उनके चालक ने सिपाही के साथ मारपीट की थी। गुलरिहा पुलिस ने सिपाही की तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है। अभी इनमें से कोई भी आरोपित पुलिस की गिरफ्त में नहीं है। एएसपी मानुष पारीक ने बताया कि फरार चल रहे एंबुलेंस माफिया के लोगों को पुलिस तलाश कर रही है। ये अभी फरार चल रहे हैं। वहीं, बीआरडी मेडिकल कालेज के कर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए प्राचार्य को पत्र लिखा गया है।

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