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एमएमएमयूटी को म‍िली एक और उपलब्‍ध‍ि, डिजिटल इंडिया अभियान के ल‍िए चुना- सेमी कंडक्टर चिप की डिजाइन यहीं बनेगी

MMMUT Gorakhpur भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान की महत्वाकांक्षी सी-टू-एस (चिप्स-टू-स्टार्टअप) प्रोग्राम के क्रियान्वयन के लिए मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय चुना है। सरकार ने एमएमएमयूटी को सेमी कंडक्टर चिप की डिजाइन तैयार करने की ज‍िम्‍मदारी दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 10 Jul 2022 10:40 AM (IST)
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मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का मुख्‍य प्रवेश द्वार। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रदेश का इकलौता संस्थान होगा जहां सेमी कंडक्टर चिप की डिजाइन तैयार की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय में 10 करोड़ रुपये से लैब विकसित की जाएगी, जिसका खर्च भारत सरकार वहन करेगी। मानव संसाधन के लिए एक करोड़ रुपये अलग से मिलेंगे। सेमीकंडक्टर चिप विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करने का काम करता है, जिसका इस्तेमाल कार, लैपटॉप, स्मार्टफोन, रेफ्रिजरेटर जैसे तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है।

सी-टू-एस योजना के लिए चयनित देश के लिए 30 संस्थानों में शामिल है विश्वविद्यालय

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से 'ए' ग्रेड हासिल करने के बाद विश्वविद्यालय को यह दूसरी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। विश्वविद्यालय का चयन देश के उन 30 तकनीकी और शोध संस्थानों में हुआ है, जिसे भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत अपने महत्वाकांक्षी सी-टू-एस (चिप्स-टू-स्टार्टअप) प्रोग्राम के क्रियान्वयन के लिए चुना है। देश को सेमी कंडक्टर का हब बनाने के लिए सरकार ने पांच वर्ष में 100 तकनीकी संस्थानों के माध्यम से 175 तरह के सेमी कंडक्टर चिप को विकसित करने का लक्ष्य रखा है। सिलसिला जारी रहे, इसके लिए एंबेडेड सिस्टम डिजाइन के क्षेत्र में 85 हजार योग्य इंजीनियरों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

योजना के जरिये पांच वर्ष में 25 स्टार्टअप होंगे। बीटेक, एमटेक और पीएचडी के मेधावी विद्यार्थियों को सी-टू-एस से जोड़ा जाएगा। एमएमयूटी प्रशासन ने लैब निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय इस कार्य में सहयोग के लिए जल्द किसी तकनीकी औद्योगिक संगठन से सहयोग के लिए करार की तैयारी भी कर रहा है।

सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू करेगा विश्वविद्यालय

सेमी कंडक्टर चिप के लिए लैब तैयार हो जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इससे जोड़कर एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की योजना भी बना रहा है। छह महीने के इस कोर्स को पूरा करने वाले विद्यार्थी को एक प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जिसके इस्तेमाल से वह देश भर में अपने शोध-कार्य को आगे बढ़ा सकेगा। यह प्रमाण-पत्र स्टार्टअप शुरू करने में भी सहयोगी बनेगा।

क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप

सेमी कंडक्टर चिप को किसी भी इलेक्ट्रानिक उपकरण का दिमाग कह सकते हैं। यह विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसमें विद्युत के सुचालक और कुचालक गुण होते हैं। सेमीकंडक्टर चिप के जरिए ही डेटा की प्रोसेसिंग होती है। सभी तरह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इसका उपयोग होता है।

सी-टू-एस प्रोग्राम के लिए चयनित होने के बाद आधिकारिक तौर पर एमएमयूटी को देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में जगह मिल गई है। जल्द लैब तैयार करने का प्रस्ताव तैयार करके भारत सरकार को भेजा जाएगा। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमयूटी।

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