North Eastern Railway: समाप्त हो रही पेंट्रीकार की व्यवस्था, मनपसंद भोजन के लिए ई कैटरिंग शुरू
नाश्ता और भोजन के लिए यात्रियों को आइआरसीटीसी वेबसाइट के फूड आन ट्रैक पर या फोन नंबर 1323 पर काल कर आनलाइन डिमांड करना होगा। आर्डर मिलते ही फूड चेन कंपनी के वेंडर यात्री का खाना-नाश्ता लेकर स्टेशन पर पहुंच जाएंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। रेल यात्रा के दौरान खानपान को लेकर अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। ट्रेनों में पेंट्रीकार या साइड वेंडिंग (रास्ते में खानपान) की व्यवस्था नहीं होने पर भी यात्रियों को मनपसंद नाश्ता और खाना मिल जाएगा। यात्रियों को राहत देने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी सहित देशभर के 90 रेलवे स्टेशनों पर फिर से ई कैटङ्क्षरग की सुविधा शुरू कर दी है।
नाश्ता और भोजन के लिए करना होगा काल
नाश्ता और भोजन के लिए यात्रियों को आइआरसीटीसी वेबसाइट के फूड आन ट्रैक पर या फोन नंबर 1323 पर काल कर आनलाइन डिमांड करना होगा। आर्डर मिलते ही फूड चेन कंपनी के वेंडर यात्री का खाना-नाश्ता लेकर स्टेशन पर पहुंच जाएंगे। यात्रियों को खाने की डिलीवरी सीट पर ही हो जाएगी। यात्री आनलाइन पेमेंट के साथ कैश आन डिलीवरी का विकल्प भी चुन सकेंगे। ई-कैटङ्क्षरग सेवा से उन सभी प्रमुख रेस्टोरेंट और फूड चेन कंपनियों को जोड़ा गया है, जहां का खाना लोगों को पसंद आता है। इसमें लिट्टी-चोखा जैसे स्थानीय व्यंजनों के अलावा पूड़ी-सब्जी, चावल-दाल, दही, खीर, पनीर, मटन, चिकन, बिरयानी, मछली, पिज्जा और बर्गर जैसे सभी डिश उपलब्ध होंगे। वर्ष 2014 से शुरू हुई ई कैटङ्क्षरग व्यवस्था 22 मार्च 2020 से लाकडाउन में बंद हो गई थी।
गोरखपुर- एलटीटी एक्सप्रेस में ही पेंट्रीकार की व्यवस्था
लंबी दूरी की ट्रेनों में धीरे-धीरे पेंट्रीकार की व्यवस्था समाप्त हो रही है। साइड वेंडिंग की सुविधा परवान नहीं चढ़ पा रही। ऐसे में अब ई कैटरिंग पर ही जोर है। दरअसल, 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र होते ही पेंट्रीकार को भी कबाड़ घोषित कर दिया जा रहा। नए लिंकहाफमैन बुश (एलएचबी) कोच में पेंट्रीकार नहीं आ रही। ऐसे में ट्रेनों से पेंट्रीकार के हटने के बाद दूसरी की व्यवस्था नहीं हो रही। गोरखपुर से बनकर चलने वाली सिर्फ गोरखपुर- एलटीटी एक्सप्रेस में ही पेंट्रीकार लग रही है। शेष ट्रेनों से हटा दी गई हैं। आइआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी आनंद झा का कहना है कि प्रथम चरण में एक फरवरी से 62 रेलवे स्टेशनों पर ही ई कैटरिंग सेवा शुरू की जानी थी। लेकिन यात्रियों की मांग बढऩे पर तीन दिन में ही स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी गई है। द्वितीय चरण में और भी स्टेशनों को जोड़ दिया जाएगा। डिलीवरी के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।