अरुणाचल सरकार को भा गई कुशीनगर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग, राज्यपाल ने मांगा ब्योरा Gorakhpur News
अरुणाचल सरकार को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग की डिजाइन भा गई है। वहां के राज्यपाल बीडी मिश्र ने एयरपोर्ट अथारिटी से संपर्क कर ब्योरा लिया है। जल्द ही सर्वे के लिए राज्य सिविल एविएशन सचिव के नेतृत्व में टीम कुशीनगर आएगी।
By Rahul SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 28 Mar 2021 01:10 PM (IST)
अनिल कुमार त्रिपाठी, गोरखपुर : अरुणाचल सरकार को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग की डिजाइन भा गई है। वहां के राज्यपाल बीडी मिश्र ने एयरपोर्ट अथारिटी से संपर्क कर ब्योरा लिया है। जल्द ही सर्वे के लिए राज्य सिविल एविएशन सचिव के नेतृत्व में टीम कुशीनगर आएगी। अरुणांचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के होलोंगी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन रहा है। वहां कोई एयरपोर्ट नहीं था। सरकार एयरपोर्ट के विकास पर 1200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। वहां जेट विमान उतरने लायक 2200 मीटर लंबा रन-वे बन रहा है। वहां से मेट्रो शहरों के लिए सीधी उड़ान की योजना है।
अत्याधुनिक सुविधाओं की टर्मिनल बिल्डिंग बनाना चाहती है अरुणाचल सरकारअरुणाचल सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं और लेटेस्ट डिजाइन की टर्मिनल बिल्डिंग बनाना चाहती है। विशेषज्ञ कंपनियों ने टर्मिनल की कई डिजाइन स्वीकृति के लिए प्रस्तुत की, परंतु हर एक डिजाइन में कोई न कोई खामी निकलती रही। इसी बीच राज्यपाल को कुशीनगर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग की डिजाइन के संबंध में पता चला। राज्यपाल ने एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी को फोन कर टर्मिनल के संबंध में जानकारी ली। निदेशक ने बताया कि राज्यपाल को फोटोग्राफ व वीडियो भेज दी गई है। उन्होंने सिविल एविएशन सचिव को मौके पर भेजने की बात कही है। इनकी टीम शीघ्र ही आएगी।
कई मायनों में है खासकुशीनगर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग कई मायने में खास है। नवीनतम जर्मन फैब्रिक तकनीक की बनी यह देश में पहली टर्मिनल बिल्डिंग है। इसका वास्तु जापानी शैली का है। बिल्डिंग भूकंपरोधी है। आपदा आदि के समय क्षति की गुंजाइश न्यूनतम है। बिना तोड़फोड़ कभी भी इसका विस्तार अथवा अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है। एक साथ 500 लोग बोर्डिंग कर सकते हैं। 26 करोड़ की लागत 2600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनी इस टर्मिनल बिल्डिंग को 1200 वर्ग मीटर का दिया गया खुला स्पेस इसे और भव्य बनाएगा। खुले परिसर में लैंडस्केपिंग, फाउंटेन, एंटीक लाइट, उद्यान आदि विकसित किए जाने के कार्य अभी चल रहा है।
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