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Gorakhpur News: रास्ते में ही जवाब दे जा रही जनरथ बसों की AC, गर्मी में यात्री बेहाल; चालकों के टोटे से संचालन भी ठप

राप्तीनगर डिपो की करीब दर्जन भर जनरथ बसें एसी खराब होने के चलते खड़ी हैं। राप्तीनगर डिपो में 40 एसी जनरथ बसें हैं इन बसों में लगी एसी की उम्र 5 वर्ष है और सभी ने अपनी आयु पूरी कर ली है। निगम किसी तरह एसी की मरम्मत कराकर बसों को संचालित कर रहा है। जानकारों का कहना है कि परिवहन निगम में एसी ही नहीं...

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 05 May 2024 03:37 PM (IST)
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गर्मी बढ़ते ही ठंड पड़ने लगी रोडवेज की एसी बसें
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गर्मी बढ़ते ही परिवहन निगम (रोडवेज) की बसें ठंड पड़ने लगी हैं। गोरखपुर से वाराणसी, लखनऊ और प्रयागराज रूट पर चलने वाली जनरथ बसों की एसी रास्ते में ही जवाब दे जा रहीं। यात्री गर्मी में बेहाल होने को मजबूर हैं।

राप्तीनगर डिपो की करीब दर्जन भर जनरथ बसें एसी खराब होने के चलते खड़ी हैं। राप्तीनगर डिपो में 40 एसी जनरथ बसें हैं, इन बसों में लगी एसी की उम्र 5 वर्ष है और सभी ने अपनी आयु पूरी कर ली है। निगम किसी तरह एसी की मरम्मत कराकर बसों को संचालित कर रहा है।

निगम में चालकों का टोटा

जानकारों का कहना है कि परिवहन निगम में एसी ही नहीं साधारण बसें भी खड़ी हो जा रही हैं। निगम में चालकों का टोटा है। चालकों के बिना गोरखपुर परिक्षेत्र के विभिन्न डिपो में 50 के आसपास बसें खड़ी हैं। एक तो परिक्षेत्र की 250 बसें चुनाव ड्यूटी में लग गई हैं, ऊपर से बसें खड़ी हो जा रहीं। ऐसे में लोकल रूटों पर बसें कम पड़ जा रहीं।

गोरखपुर-सोनौली, तमकुही, महराजगंज और बिहार बार्डर आदि लोकल रूटों पर बसें कम पड़ जा रहीं। गर्मी में यात्री परेशान हैं। चालकों की कमी को पूरा करने के लिए निगम समय-समय पर जगह-जगह कैंप लगाता रहता है, इसके बाद भी युवाओं का रुझान नहीं बढ़ पा रहा।

कैंप में मिलते हैं गिनती के चालक

आलम यह है कि गोरखपुर परिक्षेत्र में परिवहन निगम को 100 चालकों की आवश्यकता है। हालांकि, निगम और शासन स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। चालक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा भी की जा रही है। जानकारों का कहना है कि जबतक चालकों का मानदेय व अन्य सुविधाएं नहीं बढ़ेंगी, निगम में अभाव बना ही रहेगा। कैंप में एक तो गिनती के चालक मिलते हैं, वह भी कुछ माह बाद भाग जाते हैं। ढाक के वही तीन पात।

निगम के पास कुछ ही नियमित चालक बचे हैं, वह भी कुछ सालों में सेवानिवृत्त हो जााएंगे। सामान्य की कौन कहे, एसी जनरथ बसें भी चालकों के अभाव में खड़ी हो जा रही है। रोडवेज बसों के नहीं चलने से लोगों को प्राइवेट वाहनों से यात्रा पूरी करनी पड़ रही है। डग्गामार वाहनों की चांदी हैं।

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह के अनुसार,  चालकों की कमी की जानकारी मुख्यालय को दी गई है। स्थानीय स्तर पर भी कैंप के जरिये चालकों की भर्ती की जा रही है। मुख्यालय स्तर पर भी भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा चल रही है। सुझाव मांगे गए हैं। जल्द ही चालकों की कमी पूरी कर ली जाएगी। जनरथ बसों की एसी भी दुरुस्त कराई जा रही है।

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