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तारिक से पूछताछ में खुलेगा आतंकी मंसूबों का राज, गुजरात एटीएस ने गोरखपुर के दो युवकों को हिरासत में लिया

Gorakhpur News इस्लामिक स्टेट आफ खुरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) के देशव्यापी नेटवर्क से जुड़े गोरखपुर के तारिक से पूछताछ के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की लखनऊ टीम ने उससे जुड़े गोरखपुर के दो युवकों को उठा लिया। टीम दोनों को लेकर लखनऊ गई थी जिसमें पूछताछ के बाद एक को छोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है तारिक लंबे समय से आतंकी संगठन से जुड़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 04 Jul 2023 10:27 AM (IST)
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तारिक से ATS की पूछताछ में खुलेगा आतंकी मंसूबों का राज
सतीश पांडेय, गोरखपुर: (Gorakhpur News) इस्लामिक स्टेट आफ खुरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) के देशव्यापी नेटवर्क से जुड़े गोरखपुर के तारिक से पूछताछ के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की लखनऊ टीम ने उससे जुड़े गोरखपुर के दो युवकों को उठा लिया।

टीम दोनों को लेकर लखनऊ गई थी, जिसमें पूछताछ के बाद एक को छोड़ दिया गया है। गुजरात एटीएस की टीम ने गुजरात, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना में फैले आइएसकेपी के नेटवर्क का पिछले दिनों पर्दाफाश कर गोरखपुर के रहने वाले तारिक समेत प्रदेश के तीन युवकों को पकड़ा था। पूछताछ के बाद उन्हें यूपी एटीएस के हवाले किया गया।

लंबे समय से आतंकी कनेक्शन में था तारिक

जांच में पता चला कि तारिक लंबे समय से आतंकी सुमैरा के संपर्क में था। उसने उत्तर प्रदेश में आइएसकेपी का एक माड्यूल खड़ा किया है, जिसमें दो युवकों ने मदद की है। सूत्रों की मानें तो एजाज नाम का एक युवक तुर्किए जा चुका है।

2020 में एटीएस के हत्थे चढ़ा था आइएसआइ का एजेंट

एटीएस ने वर्ष 2020 में शहर में रहने वाले एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था, जिसकी रिश्तेदारी पाकिस्तान में है। आइएसआइ एजेंट को उसने यहां की कई तस्वीरें भेजी थीं। वर्ष 2014, 2016, 2017 व दिसंबर, 2018 में वह कराची गया था।

आखिरी यात्रा के दौरान कराची में उसकी बहन के घर आइएसआइ के दो एजेंटों ने उसे अपने जाल में फंसाया और गोरखपुर के कई महत्वपूर्ण स्थानों का फोटो वाट्सएप के जरिये मंगवाया। पकड़े जाने से पहले फोन फार्मेट कर दिया था। साक्ष्य न होने पर एटीएस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया, लेकिन उसकी निगरानी आज भी हो रही है।

स्टेशन रोड के होटल में रुका था हिजबुल से जुड़ा लियाकत

आतंकी संगठन हिजबुल से जुड़ा लियाकत अली शाह वर्ष 2013 में नेपाल के रास्ते भारत आया था। कश्मीर जाने से पहले वह तीन दिन तक रेलवे स्टेशन रोड के एक होटल में रुका था। 30 अप्रैल, 2013 को एनआइए की टीम इसकी जांच करने लियाकत को लेकर गोरखपुर पहुंची थी। होटल मैनेजर से पूछताछ करने के बाद दस्तावेज व रेलवे का रिजर्वेशन चार्ट कब्जे में लिया था।

गोरखपुर पर है आतंकी संगठनों की नजर

नेपाल सीमा के नजदीक और बिहार से जुड़ा होने की वजह से आइएसआइ व आतंकी संगठनों की नजर गोरखपुर पर है। एक दशक में गोरखपुर व इसके आसपास देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त एक दर्जन से अधिक लोग पकड़े जा चुके हैं। 2015 में जाली नोट के धंधे से जुड़े डा. समीर, महबूब अली उर्फ शेरू व इनसे जुड़े कई एजेंट पकड़े जा चुके हैं, जो आतंक फैलाने वाले थे।

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