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एक्सप्रेस की रफ्तार से दौड़ेंगी आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड ढोने वाली मालगाड़ियां, एनईआर में बनेंगे एचएस वैगन

आटोमोबाइल्स और पैक्ड फूड ढोने वाली मालगाड़ियां की स्पीड पर रेलवे की अब विशेष नजर है। यह ट्रेनें भी अब एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार से चलेंगी। इन ट्रेनों की अधिकतम 110 की गति से चलने लायक न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन तैयार किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaUpdated: Fri, 21 Oct 2022 09:38 AM (IST)
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एनईआर में अब मालगाड़ियां भी एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार से दौड़ेंगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। आटोमोबाइल्स (मोटरसाइकिल, कार, ट्रैक्टर, आटो आदि) और पैक्ड फूड ढोने वाली मालगाड़ियां भी अब एक्सप्रेस की रफ्तार से चलेंगी। आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड कम समय में एक से दूसरे छोर पर पहुंच सकेंगे। यात्री ट्रेनों को रास्ते में बेवजह खड़ा नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए भारतीय रेलवे स्तर पर अधिकतम 110 की गति से चलने लायक न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी- एचएस) तैयार किए जाएंगे। नए एनएमजी- एचएस वैगन में दोनों साइड भी दरवाजे बनाए जाएंगे, ताकि प्लेटफार्मों से भी आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड का लदान और उतरान आसानी से किया जा सके।

बढ जाएगी मालगाड़ियों की स्पीड 

एनएमजी- जनरल वैगन में सिर्फ पीछे की तरफ एक दरवाजा होता है, यह वैगन 70 से 75 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं। सामान्य मालगाड़ियों की औसत गति 23 से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो गई है।

गोरखपुर में 60 और इज्जतनगर में तैयार किए जाएंगे 40 एनएमजी- एचएस वैगन

रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखानों में 100 एनएमजी- एचएस वैगन बनाए जाएंगे। मुख्यालय गोरखपुर स्थित कारखाना में 60 और इज्जतनगर में 40 वैगन बनाने का लक्ष्य दिया गया है। दिसंबर से नए वैगन का निर्माण शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के इन कारखानों में कोचों की मरम्मत के अलावा न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन भी तैयार किए जाते हैं। कारखानों के इंजीनियर और रेलकर्मी कम खर्चे में अधिकतम 20 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी परंपरागत (आइसीएफ) कोचों को परिवर्तित कर न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन बनाते हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे में 110 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं ट्रेनें

इन कारखानों में तैयार 762 वैगन देशभर की रेल लाइनों पर आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड की ढुलाई कर रही हैं। कंपनियों, व्यवसायियों और उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलने के साथ रेलवे की आमदनी बढ़ गई है। भारत और विदेशों में बने आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड नौतनवा के रास्ते नेपाल के अलावा बांग्लादेश तक पहुंचने लगे हैं। भारतीय रेलवे स्तर पर 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में भी ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं।

राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत और दूरंतो को संचालित करने लायक बन चुका है एनईआर का मुख्यमार्ग

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा (425 किमी) मुख्यमार्ग का ट्रैक राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत और दूरंतो को संचालित करने के लिए 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लायक बन चुका है। उपभोक्ताओं को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में ऑटोमोबाइल के परिवहन के लिए एनएमजी वैगन बनाए जाते हैं, जिन्हें पुराने अनुपयोगी आइसीएफ कोच को परिवर्तित कर तैयार किया जाता है।

पूर्वोत्तर रेलवे को और 100 एनएमजी वैगन बनाना है, जिसमे 60 यांत्रिक कारखाना गोरखपुर तथा 40 यांत्रिक कारखाना इज़्ज़तनगर में बनाया जाएगा। नए एनएमजी वैगनों की गति सीमा 110 किमी प्रति घंटा होगी, जिससे ऑटोमोबाइल का परिवहन तीव्र गति से हो सकेगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।

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