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Railway News: आसान होगी अयोध्या से जनकपुर की राह, दरभंगा तक बिछेगी डबल लाइन

Ayodhya to Janakpur Rail Link अयोध्या से जनकपुर तक की यात्रा अब और भी आसान होने जा रही है। रेल मंत्रालय ने गोरखपुर-नरकटियागंज रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश बिहार और नेपाल के बीच रेल संपर्क मजबूत होगा। इस रेल लाइन पर ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 31 Oct 2024 09:44 AM (IST)
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गोरखपुर कैंट-कप्तानगंज के बीच चल रहा डबल रेल लाइन का निर्माण। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर के रास्ते श्रीराम की नगरी अयोध्याधाम से मां जानकी की धरती नेपाल के जनकपुर की राह और आसान होगी। रेल मंत्रालय ने गोरखपुर- नरकटियागंज लगभग 125 किमी से आगे और करीब 256 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है।

इसमें बिहार के नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा एवं सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण शामिल है। इस रेल लाइन पर 4,553 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 87 लाख रोजगार का सृजन होगा। 162 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

डबल लाइन के निर्माण से न सिर्फ पूर्वोत्तर के राज्यों से उत्तर प्रदेश और बिहार का रेल नेटवर्क मजबूत होगा, बल्कि उत्तर राज्यों से भी मांग के अनुसार अधिक से अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इस रेल लाइन पर ट्रेनें करीब 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।

नेपाल और उत्तर-पूर्व भारत के बीच रेल संपर्क में भी वृद्धि होगी। मालगाड़ी के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी। रेल मंत्रालय ने गोरखपुर के रास्ते अयोध्या से जनकपुर तक ट्रेन संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

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पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे की सहमति के बाद रेल मंत्रालय और नेपाल सरकार के बीच वार्ता की तैयारी है। बातचीत सफल रही तो इसी वर्ष नई ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। भारत और नेपाल की रोटी-बेटी का संबंध और प्रगाढ़ होगा।

गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट का दोहरीकरण आरंभ हो गया है। निर्माण कार्य पांच चरण में पूरा होगा। पहले चरण में कैंट-पिपराइच (16.09 किमी), द्वितीय चरण में पिपराइच-कप्तानगंज (19.72 किमी), तृतीय चरण में कप्तानगंज-सिसवा बाजार (26.16 किमी), चौथे चरण में सिसवा बाजार-पनियहवा (20.87 किमी) तथा पांचवें चरण में पनियहवा-वाल्मीकीनगर (13.10 किमी) का निर्माण कार्य पूरा होगा। प्रथम चरण में निर्माण शुरू है।

गोरखपुर से कप्तानगंज के बीच रेल लाइन बिछाने, पुल और स्टेशन भवन बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। गोरखपुर कैंट-वाल्मीकीनगर खण्ड (95.95 किमी) के दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 1120.66 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

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इस रेलमार्ग पर 09 क्रासिंग स्टेशन, 03 हाल्ट स्टेशन, 10 बड़े व 43 छोटे और 01 महत्वपूर्ण पुल बनाए जाने हैं। जानकारों का कहना है कि महराजगंज के रास्ते आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन बिछ जाने से गोरखपुर-नरकटियागंज रूट की अहमियत और बढ़ जाएगी।

पूर्वोत्तर रेलवे को गाेंडा-बढ़नी-आनंदनगर-महराजगंज-घुघली के रूप में एक नई बाइपास लाइन मिल जाएगी। यात्री ट्रेनों के अलावा पर्याप्त मालगाड़ियां भी चलाई जा सकेंगी।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर कैंट-वाल्मिकीनगर रेल खण्ड देश के उत्तरी भाग को पूर्वी/पूर्वोत्तर भाग से जोड़ता है। दोहरीकरण पूरा होने से गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी, गाड़ियों की गति बढ़ेगी, समय-पालन तथा परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी। पूर्वोत्तर भाग के क्षेत्रों के लिए कम समय में सामानों की ढुलाई हो सकेगी। उत्तर प्रदेश एवं बिहार से देश के अन्य भागों में आवागमन आसान होगा।

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