कुपोषण से जंग लड़ने का प्लान तैयार, अब बच्चों को सेहतमंद बनाएंगी 'बड़ी मदर'; माताएं साझा करेंगी सेहत के टिप्स
आइसीडीएस विभाग ने कुपोषण से जंग लड़ने की रणनीति तैयार की है। गोरखपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी असम से आई नयी अवधारणा लागू की गई है। इसके अंतर्गत साथ बैठकर बच्चों की मां सेहत के टिप्स साझा करेंगी। इस दौरान बच्चों की माताएं ऐसी हर बातें साझा करेंगी जिनके माध्यम से उन्होंने अपने बच्चे को सेहतमंद बनाया है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 22 Oct 2023 11:23 AM (IST)
उमेश पाठक, गोरखपुर। गोल-मटोल सेहतमंद नौनिहालों को देख हर स्त्री का हृदय ममता से भर जाता है। बच्चे की सेहत के पीछे मां की देखभाल का अहम योगदान होता है। वैसे तो हर मां अपने बच्चे पर प्यार लुटाती है, इसके बाद भी कुछ बच्चे कुपोषित रह जाते हैं। बच्चे की यही कमजोरी मां को सालती रहती है। कारण यह कि मां ही उसे अपना दूध पिलाकर पालती है। ऐसी मां का दर्द दूसरी मां बखूबी समझती है।
इसी भावनात्मक संबंध को साधकर समन्वित बाल विकास सेवा (आइसीडीएस) विभाग ने कुपोषण से जंग लड़ने की रणनीति तैयार की है। अतिकुपोषित बच्चों की माताओं के बीच सुपोषित बच्चों की माताएं ‘बड़ी मदर’ के रूप में बैठेंगी। इस बैठकी के दौरान वह ऐसी हर बातें साझा करेंगी, जिनके माध्यम से उन्होंने अपने बच्चे को सेहतमंद बनाया है। असम के बोंगाईगांव जिले से आई इस अवधारणा को जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव मिश्र ने गोरखपुर में भी लागू किया है।
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विकास भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना ने इसकी शुरुआत की है। इस अवधारणा के तहत सुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की माताओं को एक साथ बैठाया जाएगा। सुपोषित बच्चे की मां हर वह तरीका साझा करेंगी, जिससे उनके बच्चा तंदुरुस्त है। बच्चे को किस तरह का आहार खिलाती हैं, कैसे ध्यान रखती हैं? एक मां के मुंह से बताए गए ये सुझाव अपने बच्चे को स्वस्थ बनाने के लिए उत्सुक मां को आसानी से समझ में आएंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी बताते हैं, सभी सीडीपीओ, पर्यवेक्षिका व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे सुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की माताओं को साथ बिठाएं। ‘बड़ी मदर’ की भूमिका में सुपोषित बच्चे की मां अन्य माताओं से अपने अनुभव साझा करेंगी। जल्द ही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस अवधारणा को लागू कर दिया जाएगा।
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