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Bansgaon Lok sabha result 2024: बसपा प्रत्‍याशी ने हार के बाद अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- बहनजी की नीतियों को दोष

बांसगांव सुरक्षित सीट से मैदान में उतरे डा. रामसमुझ ने कहा कि अब दलित राजनीति का नया विकल्प तलाशूंगा। हार के कारण बताते हुए पार्टी मुखिया को निशाने पर रखा। कहा-बहनजी की नीतियों के कारण जनता ने बसपा को भाजपा की बी टीम मानकर उन्हें वोट नहीं किया और भाजपा को हराने की चाह रखने वाले वोटर इंडी गठबंधन के पक्ष में चले गए।

By Ashutosh Kumar Mishra Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 05 Jun 2024 10:04 AM (IST)
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बांसगांव सुरक्षित सीट से मैदान में बसपा से डा. रामसमुझ उतरे थे। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। हाथी पर सवार होकर बांसगांव सुरक्षित सीट से मैदान में उतरे डा. रामसमुझ ने हार के बाद पार्टी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने हार स्वीकारते हुए भाजपा प्रत्याशी कमलेश पासवान को जीत की बधाई देते हुए कहा कि परिणाम से हताश नहीं हूं।

कहा कि अब दलित राजनीति का नया विकल्प तलाशूंगा। हार के कारण बताते हुए पार्टी मुखिया को निशाने पर रखा। कहा-बहनजी की नीतियों के कारण जनता ने बसपा को भाजपा की बी टीम मानकर उन्हें वोट नहीं किया और भाजपा को हराने की चाह रखने वाले वोटर इंडी गठबंधन के पक्ष में चले गए। उन्होंने कोआर्डिनेटर सुधीर भारती पर वसूली के आरोप भी लगाए।

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डा. रामसमुझ ने कहा कि सुधीर भारती चुनाव के एक दिन पहले तक ब्लैकमेल करते रहे और अपने चहेतों के जरिये न तो एजेंट बनाने दिए और न ही बूथों पर बस्ता पहुंचाने दिया।

उन्होंने कहा कि जब बसपा कार्यकर्ता नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद के भाषणों से जोश में भर रहे थे, तभी मायावती ने उन्हें पद से हटा दिया। डा. रामसमुझ ने आरोप लगाया कि ऐसा भाजपा के इशारे पर उसे लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।

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काशीराम जी ने दलितों की विभिन्न जातियों को बसपा के रूप में एकसूत्र में पिरोया था, लेकिन बहनजी ने लालच और भाजपा के दबाव में इस कौम का राजनीतिक पतन कर दिया।

नगीना से चंद्रशेखर आजाद की विजय पर हर्ष जताते हुए डा. रामसमुझ ने डा. आंबेडकर के पौत्र डा. यशवंत राव भीम राव आंबेडकर से समन्वय स्थापित कर दलित राजनीति का नया विकल्प तलाशने की बात कही।

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