Railway News: फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रही बढ़नी-काठमांडू रेल लाइन, रेलमंत्री ने की थी सर्वे की घोषणा
गोरखपुर से काठमांडू तक 359 किमी रेल लाइन की घोषणा 2015-16 में हुई लेकिन आज तक यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। नौतनवा से भैरहवा तक 12 किमी रेल लाइन के लिए भी सर्वे हुआ लेकिन यह योजना भी लंबित है। काठमांडू ही नहीं नेपाल सीमा के पास भारत के नौतनवा से सटे भैरहवा को रेलमार्ग से जोड़ने की कवायद भी वर्षों से चल रही है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वर्ष 2015-16 के रेल बजट में रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने बढ़नी से काठमांडू तक 359 किमी रेल लाइन के लिए सर्वे की घोषणा की थी। वर्ष 2022-23 के बजट में रेल मंत्रालय ने यातायात टोह सर्वेक्षण के लिए 37 लाख रुपये का प्रविधान भी किया था।
इसके बाद भी आज तक बढ़नी-काठमांडू नई रेल योजना न फाइलों से बाहर निकल पाई और न ही रेलवे के पिंक बुक में शामिल हो पाइ। ट्रेनों के माध्यम से भारत और नेपाल के बीच के रिश्ते को और प्रगाढ़ बढ़ाने की मंशा परवान चढ़ने से पहले ही धराशायी होती नजर आ रही है। यह तब है जब सरकार ही नहीं दोनों देश के लोग भी इस योजना को लेकर उत्साहित हैं।
काठमांडू ही नहीं नेपाल सीमा के पास भारत के नौतनवा से सटे भैरहवा को रेलमार्ग से जोड़ने की कवायद भी वर्षों से चल रही है। रेल मंत्रालय ने नौतनवा स्टेशन से नेपाल के भैरहवा तक 12 किमी अंतिम सर्वेक्षण के लिए नौ लाख रुपये आवंटित किया था।
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इसके पहले भी कई बार नौतनवा से भैरहवा तक सर्वे किया गया। लेकिन भारत को नेपाल से जोड़ने वाली इस 12 किमी नई रेल लाइन को लेकर भी आज तक कोई बात नहीं बन पाई। यह योजना भी सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाई।
भारत- नेपाल ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे में अभी भी कई ऐसे महत्वपूर्ण स्थल हैं जो घोषणा, सर्वे और बजट के बाद भी रेलमार्ग से नहीं जुड़ पा रहे हैं। पूर्वांचल के लोगों को ही नहीं पर्यटकों को भी बुद्ध के जन्म स्थान कपिलवस्तु नेपाल से महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर तक बौद्ध रेल परिपथ (बौद्ध सर्किट) की प्रतीक्षा है।
आम बजट 2022-23 में बांसी के रास्ते कपिलवस्तु से बस्ती के अंतिम सर्वेक्षण के लिए 51 लाख रुपये का प्रविधान किया गया था। तथागत की महापरिनिर्वाण स्थली भी रेल लाइन का इंतजार कर रही है। यह तब है जब रेल मंत्रालय ने सर्वे के बाद गोरखपुर के रास्ते पडरौना से कुशीनगर तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए दस करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिया था।अंतिम सर्वेक्षण के लिए भी 60 लाख रुपये उपलब्ध करा दिया है। वर्ष 2024 के बजट में दोनों रेल लाइनों के लिए रेल मंत्रालय ने सिर्फ एक-एक हजार रुपये आवंटित किया है। इसके अलावा हथुआ-भटनी नई लाइन के लिए एक हजार रुपये का बजट देकर योजना को पिंक बुक में शामिल रखा है।
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