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नेपाल में बढ़ी मांग तो भारत में रिकार्ड स्‍तर पर पहुंचा बासमती चावल का मूल्‍य

नेपाल में बासमती चावल की मांग बढ़ने के कारण भारत में बासमती चावल का मूल्‍य बढ़ गया है। पहले बासमती का मूल्य 80 रुपया किलो था। भारत के सीमावर्ती जिलों में बासमती चावल का मूल्‍य बढ़कर 90-100 रुपये प्रति किलो हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 24 Feb 2021 08:57 AM (IST)
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नेपाल में मांग बढ़ने के कारण भारत में बासमती चावल का मूल्‍य बढ़ गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। भारत के बासमती चावल की पड़ोसी देश नेपाल के साथ ही भारत के विभिन्न शहरों में मांग बढ़ी है। जिसके चलते बासमती के मूल्य में एकाएक उछाल आ गया है। माह भर के अंदर प्रति किलो 10-20 रुपये की वृद्धि हुई है। पहले बासमती का मूल्य  80 रुपया किलो था। अब यह बढ़ कर 90-100 रुपये प्रति किलो हो गया है। इस मूल्य वृद्धि  का असर  बाजार से लेकर गांवों तक दिख रहा  है। जो किसान  आठ हजार क्विंटल बासमती चावल बेचते थे, अब उन्हें नौ हजार से 10 हजार रुपये  दाम मिल रहा है। बेहतर मूल्य  मिलने से जिन किसानों ने अपने घर बासमती का भंडारण किया था, उनकी बांछें खिल गईं हैं। लंबे समय से बासमती की खेती कर रहे महराजगंज जिले के किसान लोकेश्वर पांडेय, सुनील सिंह, सुरेंद्र पांडेय, विजय पासवान व बलवंत मिश्र ने कहा कि हाल के दिनों में बासमती की मांग बढ़ी है। बाहर से आकर व्यापारी बेहतर दाम देकर चावल  खरीद ले जा रहे हैं। 

नेपाल में निर्यात हो रहा महराजगंज का बासमती चावल

नेपाल में  बासमती की विशेष मांग है। बीते मार्च माह से सीमा सील होने के चलते चावल का मूल्य सामान्य था। सोनौली सीमा पर छूट मिलने से नेपाल के व्यापारी अब भारत आकर चावल खरीद रहे हैं। जिससे कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है। किसानों ने बताया कि चावल का जो मूल्य उन्हें घर बैठे मिल जा रहा है, उतना आज तक नहीं मिला था। महराजगंज  के थोक व्यापारी फूल चंद्र अग्रवाल बताते हैं सामान्य तौर पर  90 रुपये किलो बासमती चावल बिक रहा है। बेहतर गुणवत्ता होने पर सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिक्री हो  रही है।

पांच सौ हेक्टेयर में हो रही बासमती की खेती

सीमावर्ती महराजगंज जिले में 500 हेक्टयर में किसान सुगंधित धान बासमती की खेती कर रहे हैं। सामान्य धान के मुकाबले मूल्य में अंतर होने के कारण किसानों का झुकाव सुगंधित धान की खेती की तरफ बढ़ा है। जिले के अधिकांश किसान पूसा बासमती, हरियाणा बासमती, बासमती- 370, तारावड़ी बासमती, मालवीय सुगंधा, तीन व चार व वल्लभ बासमती- 22 की खेती कर रहे हैं।

सुगंधित धान बासमती  की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सामान्य धान के मुकाबले इसका रेट अधिक  है।  किसान सुगंधित धान की खेती कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। - वीरेद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी, महराजगंज।

पड़ोसी देश नेपाल में चावल का निर्यात होने व शादी-विवाह का आयोजन शुरू होने से बासमती के दाम में  वृद्धि हुई है। यहां का चावल अन्य स्थानों के मुकाबले अधिक सुगंधित होता है। जिसके चलते इसकी मांग ज्यादा है। - श्रीनिवास गुप्ता, थोक चावल व्यापारी, महराजगंज।

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