Bharat Bandh 2024: गोरखपुर शहर से लेकर गांव तक मुस्तैद हुई फोर्स, फिलहाल नहीं दिख रहा भारत बंद का असर
21 अगस्त 2024 यानी आज भारत बंद के नाम से देशभर में हड़ताल का आह्वान किया गया है। यह एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल है जिसमें एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया जाएगा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति और राजस्थान के एससी/एसटी समूह इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। इसका असर फिलहाल गोरखपुर में तो दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन पुलिस मस्तैद है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आरक्षण को लेकर हाल ही में दिए गए निर्णय को लेकर विभिन्न अनुसूचित जाति, जन जाति व राजनीतिक संगठनों की तरफ से बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है।
इसे लेकर पुलिस की तरफ से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। थानेदार, चौकी प्रभारी चौराहे पर सुबह से ही मुस्तैद हो जाएगी।एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर ने बताया कि एसपी सिटी को शहर,एसपी उत्तरी व दक्षिणी को अपने क्षेत्र का नोडल बनाया गया है।सीओ के साथ ही थानेदार व चौकी प्रभारी अपने क्षेत्र में सुबह से ही मुस्तैद व भ्रमणशील रहेंगे। जबरन बंदी कराने का प्रयास करने व हुड़दंग करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसे भी पढ़ें- यूपी में गोंडा-गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में हो सकती है भारी बारिश, IMD ने दी चेतावनीरेलवे स्टेशन, बस अड्डा के साथ ही सभी प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है। क्यूआरटी दस्ता भी बनाया गया है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, ''सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए - सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले।
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ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।''सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं। इसमें भी दो शर्त लागू होंगी।
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