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यूपी लोकसभा चुनाव में कड़ी परीक्षा में फंसे बड़े लड़ैये, सुल्‍तानपुर में भाजपा को लगा तगड़ा झटका

पांच बार के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा और चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके राजेश वर्मा भी सियासी गणित में उलझ गए। बीते चुनाव में पीलीभीत की परंपरागत सीट छोड़कर भाजपा के टिकट पर सुलतानपुर से सांसद बनीं मेनका गांधी की जीत का अभियान इस बार सुलतानपुर की जनता ने रोक दिया। गोरखपुर के रहने वाले सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने उन्हें हराया।

By Rakesh Rai Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 05 Jun 2024 01:52 PM (IST)
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2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्वानुमान के विपरीत परिणाम देने वाले आ गया है। जागरण
डा. राकेश राय, जागरण गोरखपुर। रोमांच और तरह-तरह के पूर्वानुमान के विपरीत परिणाम देने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव ने राजनीतिक विश्लेषकों की गणित तो फेल कर ही दी, बड़े लड़ैयों की भी कड़ी परीक्षा ली। लोकसभा के चुनावी समर में पांच या उससे अधिक बार दांव आजमा चुके पंकज चौधरी, अफजाल अंसारी, जयप्रकाश रावत और राम प्रसाद चौधरी जैसे राजनीतिक सूरमा तो जैसे-तैसे इस परीक्षा में पास हो गए, लेकिन आठ बार सांसद रह चुकीं मेनका गांधी जैसे दिग्गज नेताओं की गाड़ी फंस गई।

पांच बार के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा और चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके राजेश वर्मा भी सियासी गणित में उलझ गए। बीते चुनाव में पीलीभीत की परंपरागत सीट छोड़कर भाजपा के टिकट पर सुलतानपुर से सांसद बनीं मेनका गांधी की जीत का अभियान इस बार सुलतानपुर की जनता ने रोक दिया।

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गोरखपुर के रहने वाले सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने उन्हें हराया। वहीं रामभुआल, जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी रवि किशन से तीन लाख से अधिक मतों से हार मिली थी। गाजीपुर से पांचवीं बार लड़े अफजाल अंसारी को तीसरी बार और लगातार दूसरी बार सांसद बनने में सफलता हासिल हुई है।

अफजाल को एक मुकदमे में सजा हो चुकी है जिसका मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। वह माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। मोहनलालगंज से एक बार और हरदोई से तीन बार यानी कुल चार बार सांसद रहे भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश रावत लगातार दूसरी बार हरदोई से सांसद बनकर पांच बार सांसद बनने वाले नेताओं की सूची में शामिल हो गए।

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उन्होंने तीन बार की सांसद सपा प्रत्याशी उषा वर्मा को हराया। महाराजगंज से नौ बार लोकसभा चुनाव लड़कर छह बार जीत हासिल करने वाले भाजपा नेता पंकज चौधरी ने एक बार फिर जीत दर्ज की। यद्यपि इस बार उन्हें जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। वह सात बार सांसद बनने वाले देश के चुनिंदा नेताओं में शामिल हो गए।

लोकसभा चुनाव में 10 बार दांव आजमा चुके सपा प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी ने बस्ती सीट पर भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी के हैट ट्रिक लगाने का सपना चकनाचूर कर दिया। रामप्रसाद इसके पहले खलीलाबाद से एक बार सांसद रह चुके हैं। राम प्रसाद की गिनती पूर्वांचल के बड़े लड़ैयों में होती रही है।

पांच बार सांसद रह चुके और आठवीं बार लोकसभा चुनाव में उतरे जालौन से भाजपा प्रत्याशी भानुप्रताप सिंह की जीत का सफर आगे नहीं बढ़ा सका है। पार्षद से केंद्रीय राज्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले भानु प्रताप को सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार से हार का सामना करना पड़ा है।

सीतापुर से भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा पांचवीं बार जीत की उम्मीद के साथ मैदान में थे, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी राकेश राठौर ने उन्हें पराजित कर दिया।

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