गोरखपुर में लाखों लोगों को बड़ी राहत, नई महायोजना लागू होने के बाद भी पहले से बने मकानों की नहीं बदलेगी स्थिति
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की महायोजना 2031 में भू प्रयोग परिवर्तित होने के बाद भी पुराने बने मकानों पर नया नियम लागू नहीं होगा। यह नियम ग्रामीण क्षेत्र के उन निर्माण पर लागू होगा जो अभी हाल में जीडीए में शामिल हुए हैं।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 10:07 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महायोजना 2031 को वेबसाइट पर अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के विस्तारित क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में जो निर्माण महायोजना से पहले हो चुके हैं, वे जस के तस रहेंगे। नए निर्माणों के लिए जीडीए से मानचित्र पास कराना होगा।
विस्तारित क्षेत्र के आबादी वाले क्षेत्रों में जस के तस रहेंगे पुराने मकानविस्तार के बाद जीडीए में शामिल गांवों की संख्या 319 हो गई है। अधिकतर क्षेत्रों के लिए महायोजना का प्रारूप जीडीए बोर्ड की बैठक में रखा जा चुका है। कुछ अन्य हिस्सों के लिए दूसरे चरण में प्रारूप रखा जाएगा। लंबे समय से यह सवाल उठ रहा था कि जो मकान पहले से बने हैं, उनका क्या भविष्य होगा? एक शासनादेश के मुताबिक महायोजना से पहले लोगों को अपने भवनों के उपयोग की जानकारी प्राधिकरण को देनी थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिना मानचित्र पास कराए बने हैं मकानइस शासनादेश को बोर्ड में रखकर व्यवस्था में शामिल करना था लेकिन जीडीए में इसे लागू नहीं किया जा सका। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि जिन निर्माणों का मानचित्र अन्य संस्थाओं से पास होगा, उन्हें नियमित कर दिया जाएगा लेकिन गोरखपुर में अधिकतर निर्माणों का मानचित्र पास नहीं था। जिला पंचायत गोरखपुर ने कुछ दिन पहले ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण के लिए मानचित्र पास करने की प्रक्रिया शुरू की है। इस तरह ग्रामीण क्षेत्र में इससे पहले मानचित्र पास कराने का कोई तरीका नहीं था।
मकान बनवा चुके लोगों को नहीं होगी परेशानीजीडीए के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि महायोजना से पहले जाे निर्माण हो चुके हैं, उन्हें उसी स्थिति में रखा जाएगा। नए निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना अनिवार्य होगा। नए क्षेत्रों में भू उपयोग निर्धारण का काम पूरा हो चुका है। जल्द ही महायोजना का विस्तृत प्रारूप जीडीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा और लोग आपत्ति एवं सुझाव दाखिल कर सकेंगे। आपत्ति एवं सुझावों के आधार पर भी महायोजना में कुछ बदलाव हो सकता है।
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