गोरखपुर में कमाई का जरिया बनेगा कचरा, इंदौर की तर्ज पर लगेगा बायो सीएनजी प्लांट, युवाओं को मिलेगा रोजगार
गोरखपुर में भी मध्य प्रदेश के इंदौर की तरह बायो सीएनजी प्लांट लगेगा। इससे सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा। ऐसे में यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यहां प्लांच के लिए इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड साल्यूशन लिमिटेड के अफसरों ने जमीन देखी है।
By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 02:54 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सफाई व्यवस्था के लिए सिरदर्द बनने वाला कचरा अब कमाई का जरिया बनने जा रहा है। कचरा से बायो कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और लिक्विड खाद का निर्माण होगा। बायो सीएनजी प्लांट लगने पर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आएगा। इससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
अफसरों ने नगर आयुक्त को दी यह जानकारीमध्य प्रदेश के इंदौर की कंपनी इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड साल्यूशन लिमिटेड के अफसरों ने नगर आयुक्त अविनाश सिंह से नगर निगम में मुलाकात की। उन्होंने गीला कचरा से बायो सीएनजी व खाद बनाने की पूरी विधि की जानकारी दी। साथ ही प्लांट लगाने के लिए जमीन व गीला कचरा की उपलब्धता पर भी बात की। नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र, मुख्य अभियंता संजय चौहान और सहायक नगर आयुक्त डा. मणिभूषण तिवारी के साथ टीम के सदस्यों को सहजनवां के सुथनी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए चिह्नित जमीन देखने के लिए भेजा। टीम को जमीन पसंद आयी। बायो सीएनजी प्लांट 15 एकड़ से कम जमीन पर लग जाएगा। बाकी बची जमीन पर सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी लगाया जा सकेगा।
एमआरएफ सेंटर से लिया गीला कचरा का नमूनाटीम के सदस्य नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर में बने मैटेरियल रिकवरी फेसेलिटी सेंटर पहुंचे। यहां गीला कचरा इकट्ठा कर रखा गया था। सदस्यों ने गीला कूड़ा का नमूना लिया। सहायक नगर आयुक्त डा. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि गीला कचरा में कोई भी ठोस पदार्थ नहीं होना चाहिए।
ट्रांसफर स्टेशन के लिए देखी जमीन
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि इंदौर की टीम ने ट्रांसफर स्टेशन के लिए भी जमीन देखी। लालडिग्गी समेत कई जमीन दिखायी गई है। ट्रांसफर स्टेशन पर गीले कचरे को कैप्सूलनुमा टैंकरों में भरा जाएगा और यहां से इसे प्लांट पर भेज दिया जाएगा। कचरा से बायो सीएनजी बनाने में ट्रांसफर स्टेशन महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं।पांच सितंबर तक रहेगी टीमइंदौर से आई टीम महानगर में पांच सितंबर तक रुक कर गीला कचरा मिलने की समीक्षा करेगी। टीम घर-घर जाकर भी गीला स सूखा कचरा अलग-अलग करने की स्थिति भी देखेगी। यह टीम यदि व्यवस्था से संतुष्ट होगी तो दूसरी टीम आकर प्लांट की स्थापना पर काम शुरू करेगी।
250 टन गीला कचरा की जरूरतनगर आयुक्त ने बताया कि महानगर में बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने के लिए 250 टन गीला कचरा की रोजाना जरूरत होगी। बचे भोजन रोजाना लोग फेंकते हैं। नागरिकों को जागरूक कर भोजन इकट्ठा किया जाएगा। इसके लिए होटल, रेस्टोरेंट, हास्टल, अस्पताल, धर्मशाला, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग आदि स्थानों पर लोगों से बात की जाएगी। साथ ही गीला और सूखा कचरा घरों में ही अलग करने के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
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