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UP Lok Sabha Election 2024: बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में रिकार्ड बनाने को जोर लगाएंगे 'कमल' के कमलेश

बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यपाल स्व. महावीर प्रसाद इसी सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं लेकिन लगातार वे तीन बार ही चुने गए थे। 15 साल के अंतर के बाद चौथी बार सांसद चुने गए थे। आजादी के बाद हुए दो चुनावों में गोरखपुर दक्षिणी सीट के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी ही सांसद बने।

By Umesh Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Mon, 18 Mar 2024 08:44 AM (IST)
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बांसगांव लोकसभा सीट गोरखपुर-बस्ती मंडल की एकमात्र सुरक्षित सीट है।

जागरण संवाददात, गोरखपुर। बांसगांव लोकसभा सीट गोरखपुर-बस्ती मंडल की एकमात्र सुरक्षित सीट है। पासवान परिवार का दबदबा लगातार तीन चुनाव से कायम है। कमलेश पासवान यहां से लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए हैं।

उनकी माता यहां सुभावती पासवान 1996 में सपा के टिकट पर चुनकर संसद पहुंची थीं। भाजपा ने एक बार फिर कमलेश पर दांव आजमाया है। विपक्ष से कोई प्रत्याशी अभी घोषित नहीं है। कई बार रनर रह चुके पूर्व मंत्री सदल प्रसाद कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं।

सपा व कांग्रेस के गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। इस सीट से लगातार चार बार जीत दर्ज कर संसद पहुंचने वाला पहला नेता बनने के लिए कमलेश पासवान ने जोर-आजमाइश शुरू कर दली है। भाजपा ने भी एक बार फिर उनपर भरोसा जताया है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यपाल स्व. महावीर प्रसाद इसी सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं लेकिन लगातार वे तीन बार ही चुने गए थे। 15 साल के अंतर के बाद चौथी बार सांसद चुने गए थे।

आजादी के बाद हुए दो चुनावों में गोरखपुर दक्षिणी सीट के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी ही सांसद बने। तीसरे आम चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आते ही कांग्रेस ने फिर जीत दर्ज की और महादेव प्रसाद संसद पहुंचे।

इसके बाद चौथे चुनाव में गैर कांग्रेसी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के मोलहू प्रसाद सांसद बने। यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि सृजन के बाद से ही बांसगांव सीट सुरक्षित है। पांचवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के रामसूरत सांसद बने। सीट गठन के बाद यह दूसरे प्रत्याशी थे जिन्होंने जीत दर्ज की।

छठवीं लोकसभा में कांग्रेस का पहिया रुक गया और भारतीय लोकदल के फिरंगी प्रसाद ने जीत दर्ज की। इसके बाद सातवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस ने फिर अपना खाता खोला तथा महावीर प्रसाद पहली बार जीतकर सांसद बने। इसके बाद वह आठवीं और नौवीं लोकसभा चुनावों में वह लगातार निर्वाचित हुए।

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वर्ष 1991 में रामलहर के बीच आम चुनाव हुए, भाजपा ने अपना खाता खोला और राजनारायण पासी सांसद बने। इसके बाद इन्होंने बारहवीं और तेरहवीं लोकसभा के चुनाव में लगातार जीत दर्ज की। इससे पूर्व ग्यारहवीं लोकसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना खाता खोला और सुभावती पासवान सांसद बनीं।

चौदहवें चुनाव में बांसगांव लौटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महावीर प्रसाद ने जीतकर यहां से फिर वापसी की और संसद पहुंचे। इससे पूर्व वह केंद्रीय मंत्री व राज्यपाल का दायित्व निवर्हन कर चुके थे।

अगले लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने कमलेश पासवान को प्रत्याशी बनाया और विपरीत परिस्थितियों में भी वह सांसद चुने गए। इस साल गोरखपुर बस्ती मंडल में भाजपा को केवल दो सीटें मिली थीं। इसके बाद सोलहवीं एवं सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में भी वह संसद पहुंचे।

नंबर गेम

कुल मतदाता : 1806641

पुरुष मतदाता : 960879

महिला मतदाता : 845674

नंबर गेम

बांसगांव सीट पर 2019 में औसत मतदान 59.34 प्रतिशत

अब तक का सर्वाधिक मतदान 59.34 प्रतिशत

इस सीट पर अब तक सबसे कम मतदान 32.81 प्रतिशत

बांसगांव के सांसद

महादेव प्रसाद 1962

मोलहू प्रसाद 1967

रामसूरत 1971

फिरंगी प्रसाद 1977

महावीर प्रसाद 1980, 1984, 1989, 2004

राजनारायण पासी 1991, 1998, 1999

सुभावती देवी 1996

कमलेश पासवान 2009, 2014, 2019

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