Gorakhpur Airport: गोरखपुर एयरपोर्ट पर बम की सूचना मिलते ही मच गया हड़कंप, संदिग्ध बैग देखते ही यात्रियों के फूल गए हाथ-पैर और फिर...
एयरपोर्ट को बम आदि के खतरे से बचाने के लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने बम थ्रेट कन्टिजेसी प्लान तैयार किया है। जिसके तहत एयरपोर्ट पर बम थ्रेट कमेटी गठित की गई है। इस टीम में एसपी सिटी एडीएम सिटी फायर ब्रिगेड सीएमओ बम डिस्पोजल यूनिट एपीएसयू के अधिकारियों को शामिल किया गया है। वर्ष में एक बार सुरक्षा जांच के लिए माक ड्रिल करके सबकी सक्रियता जांची जाती है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर एयरपोर्ट टर्मिनल में बम होने की सूचना पर मंगलवार को दोपहर बाद हडकंप मच गया। सुरक्षाकर्मियों ने टर्मिनल के अंदर मौजूद यात्रियों और कर्मचारियों को बाहर निकालने के बाद बम थ्रेट कमेटी के सदस्यों को सूचना दी। बीडीडीएस (बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड) को आगमन कक्ष में पिलर के पास संदिग्ध बैग मिला।
मॉकड्रिल के बाद लोगों ने ली राहत की सांस
टीम ने पूरी सतर्कता से इसे निस्तारित किया। कार्रवाई पूरी होने के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने इसे सुरक्षा के लिए किया गया मॉकड्रिल बताया, जिसके बाद यात्रियों व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।
10 मिनट में पहुंचे बम थ्रेट कमेटी के सदस्य
दोपहर बाद 3.50 बजे एयरपोर्ट के अधिकारियों को आगमन कक्ष के बाहर बम रखे जाने की सूचना मिली। बम थ्रेट कमेटी के सदस्य 10 मिनट के भीतर पहुंच गए। शाम 4:07 बजे बीडीडीएस की टीम परिसर में दाखिल हुई। इससे पहले एयरपोर्ट सुरक्षा यूनिट (एपीएसयू) एवं भारतीय वायु सेना की डॉग स्क्वाड की टीम ने पिलर के पास मौजूद डमी का पता लगा लिया।
ये अधिकारी रहे उपस्थित
बम थ्रेट मॉक ड्रिल की कार्रवाई के दौरान एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी, प्रचालन प्रभारी विजय कौशल, मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता, सीओ एलआइयू अभिषेक राहुल, भारतीय वायु सेना सुरक्षा की टीम, सीएफओ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मेडिकल टीम व एंबुलेंस के साथ मौजूद रहे।
वर्ष में एक बार होती है माक ड्रिल
एयरपोर्ट को बम आदि के खतरे से बचाने के लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने बम थ्रेट कन्टिजेसी प्लान तैयार किया है। जिसके तहत एयरपोर्ट पर बम थ्रेट कमेटी गठित की गई है। इस टीम में एसपी सिटी, एडीएम सिटी, फायर ब्रिगेड, सीएमओ, बम डिस्पोजल यूनिट, एपीएसयू के अधिकारियों को शामिल किया गया है। एयरपोर्ट की सुरक्षा-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी सूचना पर टीम के सदस्य मातहतों के साथ पहुंचकर समस्या का निस्तारण कराते हैं। वर्ष में एक बार सुरक्षा जांच के लिए माक ड्रिल करके सबकी सक्रियता जांची जाती है।