ठंड में बीमारी से बचना है तो इन सात बातों का रखें ध्यान, विशेषज्ञ बोले- शुगर व हाई बीपी के रोगी रहें सावधान!
ठंड के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ने लगे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में रोज चार-छह रोगी पहुंच रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञ रक्तचाप व मधुमेह नियंत्रित रखने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार उच्च रक्तचाप व मधुमेह के रोगियों को पक्षाघात का खतरा ज्यादा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसी के साथ ब्रेन स्ट्रोक (पक्षाघात) के मामले बढ़ने लगे हैं। गर्मियों में जहां इन रोगियों की संख्या लगभग शून्य थी। वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पतालों में रोज चार-छह रोगी पहुंचने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जैसे-जैसे ठंड गहराती जाएगी, उच्च रक्तचाप व मधुमेह के रोगियों में इसका खतरा बढ़ता जाएगा।
अस्पतालों में रोज पहुंच रहे चार-छह रोगी
जिला अस्पताल, निजी अस्पतालों व बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पक्षाघात के रोगी पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादा ऐसे होते हैं जिन्हें होश नहीं होता है। उन्हें होश आने में लगभग एक सप्ताह का समय लग रहा है। इसका मुख्य कारण अभी तक जो सामने आया है, उनमें रक्तचाप का बहुत ज्यादा बढ़ जाना है। इन रोगियों की उम्र 40 से लेकर 60 वर्ष के बीच है। फिलहाल अभी तक जितने रोगी आएं, उनमें से किसी की मौत नहीं हुई है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि हृदय व रक्तचाप के रोगी दवाओं का नियमित सेवन करते रहें। ठंड से बचकर रहें।
यह हैं लक्षण
- बोली में लड़खड़ाहट।
- शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी।
- आधे चेहरे, एक तरफ के हाथ-पैर में कमजोरी।
- एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना।
- सिर में तेज दर्द।
- उल्टी और चक्कर आना।
- भ्रम की स्थिति होना।
- सांस लेने में दिक्कत।
- बेहोशी।
इसका रखें ध्यान
- हृदय, रक्तचाप व मधुमेह के रोगी धूप निकलने पर ही टहलने जाएं।
- कमरे से बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहने रहें।
- बिस्तर छोड़ने के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें।
- सिर, हाथ-पैर अच्छी तरह ढंक कर ही बाहर निकलें।
- रक्तचाप नियमित चेक कराएं।
- कोलेस्ट्राल नियंत्रित रखें।
- भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें।
क्या कहते हैं डॉक्टर
- बीआरडी मेडिकल कालेज के न्यूरोलाजिस्ट डॉ. सतीश कुमार नायक ने कहा कि पीने व नहाने में गर्म पानी का प्रयोग करें। अचानक ठंड में बाहर न निकलें। ठंड से बचते हुए योग-व्यायाम करते रहें। पक्षाघात होने पर छह घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचने पर तत्काल राहत मिल जाती है।
- न्यूरोलाजिस्ट डॉ. पवन कुमार सिंह ने कहा कि ठंड का मौसम उच्च रक्तचाप के रोगियों के अनुकूल नहीं होता है। अचानक रक्तचाप बढ़ जाता है और पक्षाघात हो सकता है। इसलिए इसके रोगी नियमित दवा खाते रहें। ठंड से बचकर रहें।