BSNL : यहां अब नौकरी नहीं, रिटायरमेंट लेने की होड़ Gorakhpur News
BSNL में अब नौकरी नहीं बल्कि रिटायरमेंट के लिए होड़ मची है। इसमें सिर्फ कर्मचारी ही नहीं बल्कि अधिकारी संवर्ग के लोग भी शामिल हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। भारतीय संचार निगम लिमिटेड में नौकरी नहीं, बल्कि रिटायरमेंट के लिए होड़ मची है। इसमें सिर्फ कर्मचारी ही नहीं, बल्कि अधिकारी संवर्ग के लोग भी शामिल हैं। 184 अधिकारी-कर्मचारियों में 176 की वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) मंजूर हो चुकी है। पूर्वी यूपी में सर्वाधिक वीआरएस लेने वालों में गोरखपुर प्रथम स्थान पर है।
तीन सौ 176 ने लिया बीआरएस
भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में जिले में कुल 300 अधिकारी-कर्मचारी हैं। जनवरी के बाद इनकी संख्या मात्र 124 रह जाएगी। वजह विभाग के 176 अधिकारी-कर्मचारियों की वीआरएस मंजूर हो चुकी है। 31 जनवरी 2020 को उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मिल जाएगी। यह वीआरएस के लिए यूं ही परेशान नहीं हैं। अधिकांश लोग चाहते हैं कि उन्हें वीआरएस मिल जाए। उन्हें सेवानिवृत्ति अवधि तक की राशि 25 फीसद अधिक धनराशि के साथ भुगतान की जा रही है। ऐसे में जो वीआरएस के लिए अर्ह है, वह चाहता है कि हरहाल में उनकी वीआरएस मंजूर हो जाए। सिर्फ आठ अधिकारी कर्म'ाारी ऐसे हैं, जिनकी वीआरएस मंजूर नहीं हुई है। हालांकि विभाग कहता है कि यह वह लोग हैं, जो यह सोचते हैं कि वह आखिर घर जाकर क्या करेंगे।
समय से वेतन मिलने में भी कठिनाई
विभागीय कर्मचारियों के समक्ष यह भी कठिनाई है कि उन्हें समय से वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसे में वह थोड़ा विचलित हैं कि आगे की स्थिति क्या होगी। इसे लेकर लोग वीआरएस को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इनकी वीआरएस हुई है मंजूर
ग्रुए-ए से सात लोग वीआरएस के योग्य हैं। छह की वीआरएस मंजूर हो चुकी है। ग्रुप बी में 10 व्यक्ति हैं। सभी की वीआरएस मंजूर हो चुकी है। ग्रुप सी में 152 व्यक्ति योग्य हैं। 148 की वीआरएस मंजूर हो चुकी है। ग्रुप डी में 15 कर्मचारी योग्य हैं। 12 की वीआरएस मंजूर हो चुकी है। इनमें चालीस कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी आयु 50 से 55 वर्ष के बीच की है। सभी की पेंशन व सेवापुस्तिका तैयार करने के लिए चार से पांच लिपिक लगाए गए हैं।
विभाग वीआरएस योजना के तहत कर्मचारियों को लाभ देने जा रहा है। इसमें अधिकारियों-कर्मचारियों के समक्ष कहीं कोई कठिनाई नहीं है। 25 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि इसीलिए दी जा रही है कि न्यू पे बैंड लागू होने पर कोई कठिनाई न हो। जिन्हें लगता है कि वह विभाग से जुड़े रहेंगे, उन्होंने वीआरएस नहीं लिया है। - देवेन्द्र सिंह, जीएम, दूरसंचार।