UP Lok Sabha Election: गोरखपुर में भाजपा के साथ 'संघ की सरकार' पर मायावती का प्रहार, बोलीं-सभी विपक्षी दल पूंजीपतियों व धन्ना सेठों के पोषक
मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया साथ ही वोटरों को भी सतर्क किया। बोलीं- किसी UP Lok Sabha Election 2024 बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट या एग्जिट पोल पर कतई भरोसा न करें। सुनियोजित ढंग से इसमें दल विशेष को जिताया-हराया जाता है। महंगाई बेरोजगारी जातिवाद सांप्रदायिकता पूंजीवाद के विरुद्ध मतदाता बसपा के पक्ष में एकजुट होकर उसे जिताने जा रहा है।
आशुतोष मिश्र, जागरण, गोरखपुर। लोकसभा के रण के अंतिम चरण में प्रतिद्वंद्वियों पर आक्रमण के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती शनिवार को गोरखपुर आईं, तो ''संघ की सरकार'' पर सीधा हमला बोला। भाजपा और आरएसएस की सरकार वाले प्रदेशों में मुस्लिमों पर जुल्म-ज्यादती बढ़ने का उल्लेख कर पूर्व मुख्यमंत्री ने संघ को राजनीति के अखाड़े में खींच लिया।
कहा-बसपा की सरकार बनी तो हम हिंदुत्व के नाम पर मुस्लिमों का उत्पीड़न रोकेंगे। इस तरह अल्पसंख्यकों के हितों का सवाल उठाकर उन्होंने बसपा को मुस्लिम हितैषी बताने का प्रयास किया ही, आरक्षण खत्म करने की साजिश को रेखांकित कर काडर वोट को एकजुट कर गईं।
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चंपा देवी पार्क में बसपा प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी जनसभा के दौरान मायावती ने भाजपा और संघ पर करारा प्रहार करते हुए इलेक्ट्रोरल बांड की चर्चा छेड़ी तो इसी बहाने इंडी गठबंधन भी निशाने पर आ गया।
मायावती ने दो टूक कहा-भाजपा, कांग्रेस, सपा सहित सभी दल को पूंजीपतियों व धन्ना सेठों के पोषक हैं। बसपा पार्टी चलाने या चुनाव लड़ने के लिए किसी पूंजीपति या उद्योगपति से चंदा नहीं लेती, जबकि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इलेक्ट्रोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद अन्य दलों की सच्चाई सबके सामने है।
अन्य दलों की नीति और नीयत पर सवाल उठाने के क्रम में मायावती ने घोषणापत्र का मामला उठाया। बोलीं-भाजपा, कांग्रेस और सपा के घोषणापत्र हवा-हवाई हैं, इन पर भरोसा मत कीजिए। बसपा घोषणापत्र जारी करने पर नहीं, सरकार बनने पर काम करके दिखाने में विश्वास करती है।
इसे भी पढ़ें-देवरिया में तेज रफ्तार बाइक पेड़ से टकराई, एक ने मौके पर ही तोड़ा दम और तीन...कहा कि चार बार उत्तर प्रदेश में इसी तरह सरकार बनने पर बसपा ने सर्व समाज के कल्याण के लिए काम करके दिखाया है। चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा जारी इनका घोषणापत्र मात्र छलावा है। निजीकरण के नाम पर नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगा मायावती ने केंद्र और प्रदेश सरकारों की भूमिका पर सवाल उठाया। पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर सपा पर निशाना साधा। बोलीं-आरक्षण विरोधियों को जनता अपने वोट से जवाब देगी।
सर्वे रिपोर्ट या एग्जिट पोल के झांसे में न आएंमायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया, साथ ही वोटरों को भी सतर्क किया। बोलीं- किसी सर्वे रिपोर्ट या एग्जिट पोल पर कतई भरोसा न करें। सुनियोजित ढंग से इसमें दल विशेष को जिताया-हराया जाता है। महंगाई, बेरोजगारी, जातिवाद, सांप्रदायिकता, पूंजीवाद के विरुद्ध मतदाता बसपा के पक्ष में एकजुट होकर उसे जिताने जा रहा है।
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