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नाला निर्माण के समय महज आठ सेकेंड में ढह गई इमारत, जिम्मेदार कौन? मालिक बोला- JCB से नींव पर लगी ठोकर

पैडलेगंज-नौसड़ फोरलेन पर नाला निर्माण के दौरान शुक्रवार को रुस्तमपुर ढाला के पास तीन मंजिला इमारत का आधा बचा हिस्सा महज आठ सेकेंड में भरभराकर ढह गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। यद्यपि जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की ओर से 30 मार्च 2024 को ही मकान मालिक को भवन जर्जर होने की सूचना दे दी गई थी।

By Arun Chand Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 27 Apr 2024 03:38 PM (IST)
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नाला निर्माण के समय आठ सेकेंड में ढह गई इमारत, जिम्मेदार कौन? मालिक बोला- JCB से नींव पर लगी ठोकर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पैडलेगंज-नौसड़ फोरलेन पर नाला निर्माण के दौरान शुक्रवार को रुस्तमपुर ढाला के पास तीन मंजिला इमारत का आधा बचा हिस्सा महज आठ सेकेंड में भरभराकर ढह गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। यद्यपि जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की ओर से 30 मार्च 2024 को ही मकान मालिक को भवन जर्जर होने की सूचना दे दी गई थी।

उन्होंने नाला निर्माण से पूर्व मकान को सुरक्षित कर लेने का लिखित आश्वासन भी दिया था। उधर कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के जिम्मेदार इस घटना के घंटों बाद भी अनजान बने रहे। देर शाम जिला प्रशासन को घटना की सूचना मिलने के बाद लोनिवि के अधिकारी हरकत में आए और मौके पर जाकर निरीक्षण किया।

मकान मालिक व रेलवे कर्मचारी अवनींद्र पांडेय ने फर्म और लोनिवि, दोनों पर आरोप लगाया है कि नाला निर्माण के दौरान सावधानी पूर्वक खोदाई नहीं किए जाने से जेसीबी से नींव पर ठोकर लगी ही, मुख्य पाइपलाइन फट जाने से पानी लग गया और नींव कमजोर हो गई। उनका कहना है कि पूर्व में लोनिवि की ओर से जानकारी दिए जाने के बाद उन्होंने 13 इंच का पिलर लगाकर इमारत को सुरक्षित भी किया था।

अवनींद्र का रुस्तमपुर ढाले के पास वेदांत न्यूरो हास्पिटल के ठीक सामने व्यावसायिक मकान है। सड़क चौड़ीकरण के दौरान मकान के सामने का हिस्सा तोड़ना पड़ा था। शुक्रवार को दोपहर 1.40 बजे, करीब एक डिसमिल में बनी तीन तल की आधी टूटी इमारत ढह गई। जिस समय हादसा हुआ, नाला निर्माण के लिए खोदे गड्ढे में कुछ मजदूर थोड़ी ही दूरी पर काम कर रहे थे। उन्होंने भागकर खुद को सुरक्षित किया। अवनींद्र का आरोप है कि बेटे के कार्यालय में मौजूद फर्नीचर, एसी समेत कई कीमती सामान मलबे में दबकर नष्ट हो गया।

प्रशासन ने पहले ही दे दी थी जानकारी : नीतिका

ध्वस्त हुई इमारत की हिस्सेदार होने का दावा करने वाली नीतिका पांडेय का कहना है कि इमारत के आधे हिस्से का मालिकाना हक उनके पिता नवनीत कुमार पांडेय के नाम है। अभी बंटवारा नहीं हुआ है। मकान जर्जर हो चुका था और प्रशासन, लोनिवि व नगर निगम की ओर से मार्च में ही इसकी लिखित सूचना भी दे दी गई थी। मकान, नाला निर्माण होने की वजह से नहीं, बल्कि जर्जर होने से गिरा।

मकान पहले से जर्जर था। इसकी जानकारी मकान मालिक को 30 मार्च को दे दी गई थी। उन्होंने मेमो पर लिखित आश्वासन दिया था कि नाला निर्माण से पहले मकान सुरक्षित कर लेंगे। ऐसा किया नहीं गया। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी। - एके सिंह, मुख्य अभियंता, लोनिवि

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