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कोरोना को हराकर फिर से यात्रियों की सेवा में जुट जुटेंगे रेलवे के 217 रक्षक कोच Gorakhpur News

लाकडाउन में कोरोना की महामारी की आशंका में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यांत्रिक कारखानों में रक्षक कोच तैयार करना शुरू कर दिया। अप्रैल में सभी कोच तैयार हो गए। मई में उन्हेंं निर्धारित स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 10:56 AM (IST)
रेलवे के 14 स्टेशनों पर आइसोलेशन वार्ड अब रेलवे की सेवा में जुटेंगे। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के 14 स्टेशनों पर आइसोलेशन वार्ड (कोविड केयर सेंटर) के रूप में खड़े 217 रक्षक कोच अब यात्रियों की सेवा में जुट जाएंगे। रेलवे प्रशासन ने इन कोचों को दुरुस्त कर आवश्यकतानुसार यात्री ट्रेनों में लगाने की कवायद शुरू कर दी है।

आइसोलेशन वार्ड के रूप में बनाए गए थे 217 रक्षक कोच

मऊ को छोड़ दिया जाए तो कोरोना काल में किसी दूसरे रक्षक कोच का उपयोग नहीं हो पाया है। वैसे भी धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के बाद इन कोचों की उपयोगिता समाप्त हो गई है। अब तो टीकाकरण भी शुरू हो गया है। कोविड अस्पताल भी बंद हो गए हैं। इसके बाद भी स्टेशनों पर खड़े रक्षक कोचों को हटाया नहीं गया।

मऊ के रक्षक कोच को छोड़कर नहीं हो पाया है किसी का भी उपयोग

दरअसल, लाकडाउन में कोरोना की महामारी की आशंका में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यांत्रिक कारखानों में रक्षक कोच तैयार करना शुरू कर दिया। अप्रैल में सभी कोच तैयार हो गए। मई में उन्हेंं निर्धारित स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया। गोरखपुर के नकहा जंगल सहित वाराणसी सिटी, गोंडा, बरेली सिटी, मंडुआडीह, बलिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, नौतनवां, फर्रूखाबाद, भटनी, बहराइच व कासंगज में रक्षक कोच की रेक खड़ी हैं।

पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में छपरा के स्टाफ की ड्यूटी लगाने की मांग

आल इंडिया टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने रेलवे प्रशासन से गोरखपुर-पाटलिपुत्र 05080/05079 एक्सप्रेस में छपरा के स्टाफ की डयूटी लगाने की मांग की है। महामंत्री आरसी मिश्रा के अनुसार वाराणसी मंडल के स्टाफ को ट्रेन लेकर गोरखपुर से खैरा तक जाना पड़ता है। खैरा में न रनिंग रूम है और न ठहरने और खाने की कोई दूसरी व्यवस्था। ऐसे में रेलकर्मियों को विश्राम के लिए 15 किमी सड़क मार्ग से चलकर छपरा जाना पड़ता है। कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। लेकिन मंडल प्रशासन जानबूझकर उनका उत्पीडऩ कर रहा है। टिकट जांच स्टाफ की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तय है।


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