सीमावर्ती जिलों में कैनेडियन मटर से पटे भारतीय बाजार
भारत-नेपाल की खुला सीमा तस्करों के लिए मुफीद साबित हो रही है। रोजाना लाखों रुपये लागत के विदेशी माल नेपाल सीमा की पगडंडियों से होकर भारत की मंडियों में पहुंच रहा है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 24 Feb 2019 09:17 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल की खुला सीमा तस्करों के लिए मुफीद साबित हो रही है। विभागीय सांठ-गांठ से रोजाना लाखों रुपये लागत के विदेशी माल नेपाल सीमा की पगडंडियों से होकर भारत की मंडियों में पहुंच रहा है । नेपाल में सस्ती दर पर खरीदकर तस्कर इन्हें कस्टम चोरी कर भारतीय क्षेत्र में पहुंचा भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इसके बावजूद स्थानीय कस्टम हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां , क्षेत्रीय थानों की पुलिस व कस्टम के भी अधिकारियों की मिलीभगत से ही इनका यह धंधा फलफूल रहा है। ऐसा नहीं है कि तस्करी के माल पकड़े नहीं जाते, लेकिन इसके बावजूद भी हो रही तस्करी तस्करों के बुलंद हौसलों की तस्दीक करती है। पिछले एक माह में मात्र स्थानीय एसएसबी ने तस्करी के दौरान 310 बोरी कैनेडियन मटर बरामद किया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी रणविजय सिंह का कहना है कि तस्करी की सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है।कब कब हुई बरामदगी
केस नंबर एक : एसएसबी 22 वीं वाहिनी की टीम ने 29 जनवरी को छह साइकिलों पर लादकर लाइ जा रही 46 बोरी कैनेडियन मटर के साथ एक तस्कर को पकड़ा था।
केस नंबर दो : नौ फरवरी की सुबह सीमा ठूठीबारी से सटे सीमाई ग्राम सभा राजबारी स्थित एक बाग में छिपाकर रखी गई 40 बोरी मटर के साथ एक आरोपित को एसएसबी की पेट्रोङ्क्षलग पार्टी ने पकड़ा था, तस्कर उस पार से साइकिलों से लाकर यहां रख रहे थे और बाद में यहां से वाहन से ले जाने की फिराक में थे।
केस नंबर तीन : 16 फरवरी को सीमा झुलनीपुर एसएसबी के उपनिरीक्षक पंकज कुमार की टीम ने ट्रैक्टर-ट्राली पर लदी 44 बोरी मटर के साथ वाहन चालक को झुलनीपुर सीमा से ही गिरफ्तार कर लिया था।
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