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CBI Raid: गोरखपुर में स्टोर डिपो के दो अधिकारियों व चार कर्मचारियों के घर CBI का छापा, इस मामले को लेकर हुई कार्रवाई

सीबीआइ की कार्रवाई से पटहेरवा पटखौली गांव ही नहीं स्टोर डिपो और कारखाना से संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों और संबंधित ठीकेदारों में हड़कंप मचा है। सीबीआइ ने स्टोर डिपो के उन कर्मियों के घर छापेमारी की जिनका अनियमितता के आरोप में स्थानांतरण हो चुका है। स्टोर डिपो में खरीद-फरोख्त की शिकायत पर सीबीआइ ने नए सिरे से मामला पंजीकृत कर छापा मारा है।

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Published: Sun, 02 Jun 2024 07:56 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2024 07:56 AM (IST)
सीबीआइ टीम अभी गोरखपुर में ही जमी हुई है। जागरण

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की लखनऊ से आई टीम ने शनिवार को पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो के दो अधिकारियों और चार कर्मचारियों के घर छापेमारी की। स्टोर डिपो के वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक का घर खंगालने के बाद सीबीआइ उन्हें लेकर देर शाम कार्यालय पहुंचकर विभागीय फाइलों को खंगालती रही।

इसके पूर्व दिन में सीबीआइ टीम ने दक्षिण रेलवे के तिरुवनंतपुरम में तैनात अधिकारी ऋतुराज सिंह के कुशीनगर के पटहेरवा, पटखौली स्थित पैतृक निवास में भी छापेमारी की। करीब सात घंटे तक टीम बंद मकान के भीतर जांच करती रही। कार्रवाई के दौरान घर में सिर्फ अधिकारी की बुजुर्ग मां मौजूद थीं।

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जांच-पड़ताल के क्रम में टीम ने वोट डालने कुरावल गांव गए यांत्रिक कारखाना के एक कर्मी को भी हिरासत में ले लिया। अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा एक ठीकेदार से भी पूछताछ जारी है।

सीबीआइ की कार्रवाई से पटहेरवा, पटखौली गांव ही नहीं, स्टोर डिपो और कारखाना से संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और संबंधित ठीकेदारों में हड़कंप मचा है। सीबीआइ ने स्टोर डिपो के उन कर्मियों के घर छापेमारी की, जिनका अनियमितता के आरोप में स्थानांतरण हो चुका है।

स्टोर डिपो में खरीद-फरोख्त की शिकायत पर सीबीआइ ने नए सिरे से मामला पंजीकृत कर छापा मारा है। स्टोर डिपो में कोविडकाल में ही भ्रष्टाचार की नींव पड़ गई थी। वर्ष 2022 में स्टोर डिपो में जेम पोर्टल पर सामान की खरीद व बिक्री तथा लोकल खरीद में अनियमितता, एक विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचाने, रेलवे अस्पताल में दवाइयों और उपकरणों तथा वाहनों के नाम पर हेराफेरी की शिकायत विजिलेंस तक पहुंची थी।

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वर्ष 2023 की शुरुआत में मामला दिल्ली रेलवे बोर्ड स्थित विजिलेंस तक पहुंच गया। शिकायत के आधार पर विजिलेंस टीम पड़ताल करने के बाद 23 मार्च को गोरखपुर पहुंच गई। दिल्ली से पहुंची विशेष छह सदस्यीय टीम कार्यालयों का निरीक्षण कर संबंधित फाइलें खंगालकर अपने साथ ले गई थी।

इस मामले में रेलवे बोर्ड ने स्टोर डिपो के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक ऋतुराज का दक्षिण रेलवे में स्थानांतरण कर दिया था। विजिलेंस की छापेमारी और अधिकारी के स्थानांतरण के बाद मामला शांत होने के बाद अंदर ही अंदर सुलगता रहा, जो अब पूरी तरह धधक चुका है। सीबीआइ ने फिर से इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।

सीबीआइ टीम अभी गोरखपुर में ही जमी हुई है। स्टोर डिपो और उससे संबंधित कई अधिकारी व कर्मचारी उसके रडार पर हैं। उनसे भी जल्दी पूछताछ हो सकती है। इस प्रकरण में और कई रेलकर्मी नप सकते हैं।

स्टोर डिपो में खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार के मामले में ही रेलवे को सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्म सूक्ति एसोसिएट, गोरखपुर के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी की शिकायत पर 12 सितंबर 2023 को सीबीआइ ने पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी को तीन लाख रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। जेल जाने के बाद रेलवे ने भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर उनसे पीछा छुड़ा लिया।


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