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Gorakhpur News: एनएचएआइ कार्यालय में सीबीआइ का छापा, पीडी के निजी सचिव समेत तीन गिरफ्तार

उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर में सीबीआई के छापे से हड़कंप मच गया है। यहां एनएचएआई मैनेजर (तकनीकी) वृजेंद्र सिंह पर पेट्रोल पंप की एनओसी देने सहित कई अन्य मामलों में लोगों से धनउगाही की शिकायत मिली तो सीबीआइ की टीम ने उसे ट्रैप किया। बुधवार की दोपहर जब सीबीआई की टीम एनएचएआई के कार्यालय पहुंची तो सीधे विजेंद्र को पकड़ा।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 04 Jul 2024 02:01 PM (IST)
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सीबीआई ने NHAI कार्यालय में छापामार अधिकारी को गिरफ्तार किया है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कुशीनगर के पेट्रोल पंप आवंटी को एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) देने के एवज में 1.50 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक (पीडी) के निजी सचिव बिजेंद्र सिंह को सीबीआइ टीम ने 50 हजार रुपये रिश्वत लेते दबोच लिया।

षड्यंत्र में शामिल वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के डिप्टी मैनेजर जय प्रताप सिंह चौहान तथा कार्यालय सहायक मुकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। सीबीआइ, लखनऊ की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को गोरखपुर के एनएचएआइ कार्यालय के अलावा वाराणसी, लखनऊ में भी छापेमारी की।

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निजी सचिव के गोरखपुर, सहारा एस्टेट स्थित आवास से 3.30 लाख रुपये नकद, डायरी व अन्य दस्तावेज मिले। गुरुवार सुबह आरोपित को लेकर टीम लखनऊ रवाना हो गई। कुशीनगर के हरिहरपुर नगर पंचायत स्थित वार्ड नंबर दो में रहने वाले भाजपा नेता धनंजय राय को लाटरी में पेट्रोल पंप का आवंटन हुआ है।

नवंबर, 2023 में उन्होंने गोरखपुर के एनएचएआइ कार्यालय में एनओसी के लिए आवेदन किया। आरोप है कि पीडी का निजी सचिव बिजेंद्र सिंह एनओसी देने के लिए 1.50 लाख रुपये घूस मांग रहा था। उसका कहना था कि वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय तक रकम देनी पड़ती है।

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भागदौड़ के बाद भी काम न होने पर धनंजय राय ने एक जुलाई, 2024 को लखनऊ स्थित सीबीआइ कार्यालय में एसपी शिवानी तिवारी से शिकायत की। छानबीन में आरोप की पुष्टि होने पर सीबीआइ की टीम बुधवार को गोरखपुर पहुंची। रिश्वत की रकम देने के लिए धनंजय को एनएचएआइ कार्यालय भेजा गया।

शाम चार बजे कार्यालय में पहुंचे धनंजय ने जैसे ही बिजेंद्र को 50 हजार रुपये दिए, बाहर खड़ी सीबीआइ की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया। पूछताछ के बाद सीबीआइ बिजेंद्र को लेकर सहारा एस्टेट स्थित आवास गई। बताया जा रहा है कि यहां मिली डायरी में एक पूर्व परियोजना निदेशक सहित कई लोगों का नाम दर्ज हैं।

कई मामलों में धन उगाही का आरोप

बिजेंद्र सिंह एक वर्ष पहले प्रयागराज से तबादले पर गोरखपुर आया था। आरोप है कि उसने पेट्रोल पंप का एनओसी देने सहित कई अन्य मामलों में धन उगाही की। शिकायत होने पर सीबीआइ की टीम ने उसे दबोचा। अभी भी कई कर्मचारी और अधिकारियों की निगरानी चल रही है।

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