Move to Jagran APP

गोरखपुर की निरक्षर महिलाओं को 'सुपर मॉम बना रहीं चंपा

चंपा सिंह की पहली तैनाती भूईधरपुर प्राथमिक विद्यालय में हुई। यहीं से उन्होंने निरक्षर महिला अभिभावकों को साक्षर बनाने का काम शुरू किया। वहां क्षेत्र की महिलाओं ने भी इस ओर कदम बढ़ाया तो इसको मिशन बन लिया।

By Satish chand shuklaEdited By: Updated: Wed, 27 Jan 2021 05:48 PM (IST)
Hero Image
परिषदीय विद्यालय की शिक्षक चंपा सिंह का फाइल फोटो।
गोरखपुर, जेएनएन। पहली पाठशाला होती है मां, वह साक्षर तो बच्चे शिक्षित। इसी सोच के साथ परिषदीय विद्यालय की शिक्षक चंपा सिंह बच्चों के साथ उनकीमाताओं को भी साक्षर कर रही हैं। उन्हें 'सुपर मॉम बना रही हैं। पिछले पांच वर्ष में करीब पांच सौ महिला अभिभावकों को साक्षर बना चुकीं हैं। जंगल कौडिय़ा ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनाती के दौरान उन्होंने जब कई महिलाओं को हस्ताक्षर न कर पाने के कारण अंगूठा लगाते देखा तो इनको साक्षर बनाने की ठानी। बच्चों को समय से स्कूल भेजने, पढ़ाई में मदद करने लिए महिलाओं को सुपर मॉम पुरस्कार भी देती हैं।

पांच वर्ष में पांच सौ महिला अभिभावकों को बना चुकी हैं साक्षर

चंपा सिंह की पहली तैनाती भूईधरपुर प्राथमिक विद्यालय में हुई। यहीं से उन्होंने निरक्षर महिला अभिभावकों को साक्षर बनाने का काम शुरू किया। क्षेत्र की महिलाओं ने भी इस ओर कदम बढ़ाया तो इसको मिशन बन लिया। कोरोना से पहले आसपास के गांवों में चौपाल लगाकर महिलाओं को साक्षर करतीं थीं। कोरोना के कारण वर्तमान में लंबे समय से स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इस समय वह बच्चों के होमवर्क व अन्य कार्य से स्कूल आने वाली महिलाओं को साक्षर बना रहीं हैं। कक्षा में पढ़ाई के दौरान बच्चों को भी प्रेरित करतीं हैं कि घर जाकर अपने माता-पिता को भी अक्षर ज्ञान जरूर कराएं। माता-पिता स्कूल आते हैं तो उन्हें साक्षरता का महत्व जरूर बताती हैं।

मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार

शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए चंपा सिंह 2017 में राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी हैं। वे बताती है कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए उन्हें अनुभव हुआ कि मनुष्य के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। निरक्षर महिलाओं में साक्षर होने की ललक देखकर अच्छा लगता है। इसलिए इनको साक्षर बनाने की मुहिम चला रहीं हूं। महिलाएं साक्षर होंगी तो समाज में भी बदलाव होगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।